UP : रावण के राज में बाणासुर को निगल गया कोरोना, कागजों पर कहे जाते थे राम
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश में कोरोना का हाहकार सरकारी मंशाओं पर उंगलियां उठा रहा है। अस्पताल, वेंटिलेटर, दवाई, वैक्सीन यहां तक की ऑक्सीजन तक की किल्लत हो रही है। लेकिन सरकार है कि जड़ हो चुकी है। कल रामलीला में बाणासुर का किरदार निभाने वाले रामजी अवस्थी भी कोरोना से जंग हार गए, लेकिन उन्हें आखिर तक ढ़ंग का इलाज नहीं मिला।
लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद के बाद कानपुर मरघट में बदल रहे हैं। हर रोज हम मृतकों के परिजनो की चीख-पुकार दिल को फाड़ देने वाली रोती हुई आवाजें सुन रहे है। बावजूद इसके सरकार बेकार होकर बेपरवाह नजर आ रही है। घाटमपुर के भीतरगाँव स्थित मड़ेपुर गांव के रहने वाले रामजी अवस्थी यानी रामलीला का बाणासुर भी कोरोना से जंग में हार गया।
रामजी अवस्थी लगभग 20 सालों से रामलीला में बाणासुर का किरदार निभाते चले आ रहे थे। एक दिन पहले बुखार आने पर उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहाँ उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रामजी कानपुर, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, हमीरपुर आदि जिलों में जाकर बाणासुर का किरदार अदा करते थे। वह रामलीला के मंच पर काफी लोकप्रिय अभिनेता थे।
बाणासुर उर्फ रामजी के बड़े बेटे रजत ने बताया कि पाँच छह दिन पहले पिताजी को बुखार आया था। सोमवार 19 अप्रैल को सांस लेने में दिक्कत हुी तो कानपुर इलाज के लिए ले गए। जहां उन्हें हैलट में भर्ती कराया गया था। हैलट में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मंगलवार शाम पाँच बजे उनकी मौत हो गई।