Begin typing your search above and press return to search.
कोविड -19

UP : कोरोना से मरे बुजुर्ग की जगह अस्पताल ने सौंप दी अधेड़ की लाश, अंतिम संस्कार के लिए चिता पर रखा तो हुआ खुलासा

Janjwar Desk
9 Sept 2020 10:39 AM IST
UP : कोरोना से मरे बुजुर्ग की जगह अस्पताल ने सौंप दी अधेड़ की लाश, अंतिम संस्कार के लिए चिता पर रखा तो हुआ खुलासा
x

प्रतीकात्मक फोटो

यूपी के मेरठ में परिवार के कोरोना से मरे 84 वर्षीय बुजुर्ग का अंतिम संस्कार तब रुक गया, जब एक सदस्य ने अंतिम दर्शन के लिए उनके चेहरे से कफन हटाया, परिवार किसी दूसरे व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करने वाला था, जिसकी उम्र 50-55 के आसपास थी...

मेरठ। कोरोनावायरस के कारण मरने वाले मरीजों के शवों की अदला-बदली उत्तर प्रदेश में एक अपवाद के बजाय अब आम बात होती जा रही है। सोमवार 7 सितंबर को इसी तरह की एक और घटना में, एक परिवार के कोरोना से मरे 84 वर्षीय बुजुर्ग का अंतिम संस्कार तब रुक गया, जब एक सदस्य ने अंतिम दर्शन के लिए उनके चेहरे से कफन हटाया। तब तक शव को चिता पर रखा जा चुका था।

यानी परिवार किसी दूसरे व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करने वाला था, जिसकी उम्र 50-55 के आसपास थी।

जब तक मेरठ के परिवार ने उस परिवार से संपर्क किया, जिनके घर के सदस्य का वह शव था, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वे दाह संस्कार करने के बाद घर लौट रहे थे और एक कलश में राख ले जा रहे थे और उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनके परिवार के सदस्य का शव अभी भी दूसरे परिवार के पास पड़ा था।

जब बुजुर्ग के परिवार ने इस मामले में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया, तो उन्हें कोविड-19 रोगी के शव को अनपैक कर देखने के लिए अधिकारियों द्वारा 'डांटा' गया।

बुर्जुग के भतीजे ने पत्रकारों से कहा, "हमने कफन कोहटा दिया, क्योंकि परिवार के कुछ सदस्यों ने आखिरी बार देखने पर जोर दिया। हमें यह देखकर हैरानी हुई कि वह हमारे चाचा का पार्थिव शरीर नहीं था। जब हमने एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया तो अधिकारियों ने अपनी गलती को स्वीकार करने के बजाय, शव को अनपैक करने के लिए हम पर चिल्लाना शुरू कर दिया।"

इस बीच, दूसरा परिवार भी हैरान था। 50 वर्षीय व्यक्ति के बेटे ने कहा, "मुझे रविवार 6 सितंबर की सुबह फोन आया कि मेरे पिता के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है और हमने किसी और का अंतिम संस्कार किया है।"

बाद में, रविवार 6 सितंबर को अधेड़ व्यक्ति का शव मोदीनगर के परिवार को सौंप दिया गया और, बदले में मेरठ के परिवार को अस्थि कलश दिया गया।

जिला अधिकारी अनिल ढींगरा ने इस माम ले में जांच के आदेश दिए हैं। ढींगरा ने कहा, "अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की एक टीम इस घटना की जांच करेगी।"

लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (एलएलआरएम) के प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा, "ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय को मामले पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। जो भी गलत पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

कोविड संक्रमित लोगों के शवों की अदला-बदली होने के मामले उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहले भी आ चुके हैं।

Next Story

विविध