ABG Shipyard fraud case : एबीजी की सहयोगी कंपनी की वैल्यू 1 माह में 450 से बढ़कर हुई 3000 करोड़, ED ने दिए ये संकेत
आश्चर्यजनक तरीके से एबीजी की सहयोगी कंपनी की वैल्यू 1 माह में 450 से बढ़कर हुई 3000 करोड़ रुपए।
ABG Shipyard fraud case : बैंक लोन घोटाले में फंसी एबीजी शिपयार्ड ( ABG Shipyard ) को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। एबीजी लिमिटेड की सहयोगी कंपनी एबीजी सीमेंट लिमिटेड ( ABG Cement Ltd) की संपत्ति एक माह में 6 गुना से भी ज्यादा बढ़ी है। घोटाला सामने आने और कानूनी कार्रवाई के बावजूद वैल्यू ( Asset Value ) में यह बढ़ोतरी चौंकाने वाली है। ताजा अपडेट के मुताबिक एबीजी सीमेंट लिमिटेड की संपत्ति 450 करोड़ से बढ़कर 3000 करोड़ हो गई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट से जुड़े अधिकारी का कहना है कि कंपनी से पैसे वसूलकर देनदारों को मदद करने के लिए इसकी संपत्ति को बेचने की कोशिश जारी है। एबीजी शिपयार्ड और एबीजी सीमेंट दोनों ही ऋषि अग्रवाल के नेतृत्व वाले एबीजी समूह का हिस्सा है। दोनों कंपनियां ऋणदाताओं को ऋण चुकाने में चूक के बाद कार्रवाई का सामना कर रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त एक अधिकारी ने 8 दिसंबर, 2021 को अदालत से प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Department ) को एबीजी सीमेंट के सूरत स्थित सीमेंट संयंत्र को बेचने की इजाजत मांग्री थी। जबकि एबीजी सीमेंट को प्रवर्तन निदेशालय ने जनवरी 2021 में अटैच किया था। हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त अधिकारी ने अदालत से अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसे एक खरीदार मिला है जो इस संयंत्र के लिए 450 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए तैयार है। लेकिन ईडी ने बिक्री पर आपत्ति जताई क्योंकि कुर्क की गई संपत्ति का मूल्य 952 करोड़ रुपए था। ईडी ने 22 दिसंबर, 2021 को हाईकोर्ट से इतनी कम कीमत पर बिक्री की इजाजत नहीं देने को कहा था।
ईडी ( ED ) की आपत्ति के बाद हाईकोर्ट के उक्त अधिकारी ने एक महीने बाद जनवरी 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसे 3,000 करोड़ रुपए में उसी संपत्ति के लिए एक और खरीदार मिला है, जो एजेंसी के शुरुआती प्रस्ताव से छह गुना कीमत देने के लिए तैयार है। उच्च न्यायालय के माध्यम से उक्त अधिकारी ने संपत्ति बेचने के लिए ईडी की अनुमति की मांग की। जबकि ईडी ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि यदि वे एफडीआर वाले ब्याज में ईडी के पक्ष में कुर्की का मूल्य ( 952 करोड़ रुपए ) अलग रख सकते हैं तो वह बिक्री में बाधा नहीं डालेगा। साथ ही ईडी ये भी कहा कि कंपनी की संपत्ति में अचानक आई बढ़ोतरी की जांच कर सकता है।
फोन पर मिलते थे हजारों करोड़ का कर्ज
ABG Shipyard fraud case : दूसरी तरफ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एबीजी शिपयार्ड धोखाधड़ी ( ABG Shipyard Banking fraud ) को देश में बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा धोखाधड़ी' करार देते हुए कहा है कि 2005 से 2012 के बीच फर्म को ऋण वितरित किए गए थे। उन्होंने यूपीए टू सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि केंद्र गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। एबीजी शिपयार्ड धोखाधड़ी का मामला भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपए से अधिक की कथित धोखाधड़ी के 2020 मामले से संबंधित है। गोयल ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के समय में 'फोन पर हजारों करोड़ का कर्ज' मिलता था। नवंबर 2013 में ये ऋण एनपीए में बदल गए, जो वित्तीय मामले में घोर अनियमिता का प्रतीक है।