गौतम अडानी की कंपनी को बड़ा झटका, SEBI ने 'अडानी विल्मर' के IPO पर लगाई रोक
सेबी ने अडानी विल्मर के आईपीओ पर रोक लगा दी है (file pic)
जनज्वार। वैसे तो उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियां आर्थिक मोर्चे पर लगातार सफलता प्राप्त करती रहीं हैं और खुद अडानी भी दुनिया के अमीरों के मामले में नए पायदान हासिल करते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी कंपनी को सेबी से झटका लगा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने खाद्य तेल कंपनी अडाणी विल्मर लि. (एडब्ल्यूएल) के 4,500 करोड़ रुपए के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी को अभी 'स्थगन' में रखा है।
गौतम अडानी समूह की इस कंपनी के प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को सेबी ने रोक दिया है। कोई भी सार्वजनिक निर्गम लाने के लिए सेबी का 'निष्कर्ष' जरूरी होता है। बताया जा रहा है कि अडानी इंटरप्राइजेज की चल रही जांच के चलते नियामक सेबी द्वारा ऐसा किया गया है।
अडाणी समूह की कंपनी अडाणी विल्मर का आईपीओ के तहत 4,500 करोड़ रुपये या 60 करोड़ डॉलर के नए शेयर जारी करने का प्रस्ताव है। अडाणी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड नाम से खाद्य तेल बेचती है। यह खाद्य तेल बाजार की प्रमुख कंपनी है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वेबसाइट पर बताया है कि अडानी विल्मर के ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस पर टिप्पणियों को जारी करने पर रोक लगा दी गई है। आमतौर पर ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस के लिए सेबी जो टिप्पणी देता है, उसे ही आईपीओ की मंजूरी माना जाता है। इसी के बाद कंपनियां आईपीओ ला सकती हैं।
मामले से वाकिफ एक शख्स ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि सेबी ने अडाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ चल रही जांच के चलते अडाणी विल्मर का आईपीओ रोक दिया है। चूंकि सेबी की पॉलिसी के अनुसार, यदि किसी आईपीओ के लिए आवेदन करने वाली कंपनी के किसी डिपार्टमेंट में जांच चल रही हो तो उसके प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम को 90 दिनों तक मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इसके बाद भी आईपीओ को 45 दिनों के लिए टाला जा सकता है।
वहीं इस मामले में अडानी समूह की ओर से भी बयान आ गया है। अडानी समूह के प्रवक्ता ने शनिवार को बयान में कहा, ''हमें अभी आईपीओ पर निष्कर्ष को स्थगन में रखने के बारे में सेबी की ओर से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है। हालांकि, सेबी ने अपनी वेबसाइट पर जरूर जानकारी दी है।''
कंपनी के प्रवक्ता ने आगे कहा, ''हमने हमेशा सेबी के नियमों का पूर्ण अनुपालन किया है। पूर्व में नियामक द्वारा मांगी गई सभी सूचनाएं हमने उपलब्ध कराई हैं। हम भविष्य में भी नियामक के साथ पूरा सहयोग करते रहेंगे।''
बता दें कि अडाणी विल्मर की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी। यह अडाणी समूह और सिंगापुर की कंपनी विल्मर का ज्वाइंट वेंचर है। कंपनी खाद्य तेल के अलावा बासमती चावल, आटा, मैदा, सूजी, रवा, दालें और बेसन जैसे सेगमेंट्स में कारोबार करती है। अगर कंपनी की आईपीओ की योजना सफल हो जाती है, तो यह बाजार में सूचीबद्ध होने वाली अडाणी समूह की सातवीं कंपनी होगी।