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आर्थिक

यात्रियों की जेब पर बढ़े बोझ के बावजूद रेलवे को कोरोना काल में हो गया 36000 करोड़ का घाटा!

Janjwar Desk
23 Aug 2021 8:00 AM IST
यात्रियों की जेब पर बढ़े बोझ के बावजूद रेलवे को कोरोना काल में हो गया 36000 करोड़ का घाटा!
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कोरोना काल में रेलवे को 36000 करोड़ का घाटा हो गया है
रेल राज्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है जबकि केवल मालगाड़ी से ही कमाई होती है..

जनज्वार। कोरोना काल के लंबे लॉकडाउन में ट्रेनों का आवागमन भी प्रभावित हुआ था। देश में अभी भी पैसेंजर ट्रेनों का पूर्ण रूप से आवागमन शुरू नहीं हुआ है। ट्रेनें चल तो रहीं हैं लेकिन स्पेशल ट्रेनों के नाम पर चलाई जा रहीं हैं। ज्यादातर ट्रेनों में फिलहाल रिजर्वेशन वालों को ही सफर की इजाजत है।

इस कारण से कम दूरी का सफर करनेवालों को भी रेल किराए का ज्यादा बोझ उठाना पड़ रहा है क्योंकि रिजर्वेशन के लिए सफर की दूरी की एक न्यूनतम सीमा निर्धारित होती है और कम से कम उस न्यूनतम दूरी का टिकट लेना जरूरी होता है। एक तरफ तो यात्रियों पर मजबूरी के इस किराए का भारी भरकम बोझ पड़ रहा है तो दूसरी तरफ सरकार का आंकड़ा है कि इस अवधि में रेलवे को हजारों करोड़ का घाटा हो गया है।

इस बीच केंद्रीय रेल राज्यमंत्री राव साहेब दान्वे ने रविवार को इससे कोरोना काल में रेलवे को हुए घाटे से जुड़े आंकड़ों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना पैंडेमिक के दौरान रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि इस दौरान मालगाड़ी ने रेलवे को बड़ा सहारा दिया।

वैसे इस दौरान केंद्रीय रेल राज्यमंत्री ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जल्द ही मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे के समानांतर चलाया जाएगा। फिलहाल यह निर्माण के दौर से गुजर रहा है।" ऐसे में सवाल उठता है कि अगर रेलवे लगातार घाटे में जा रहा है तो बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर एक भारी भरकम बजट खर्च करना क्या आर्थिक बोझ और बढाने वाला कदम नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि पैसेंजर ट्रेन सेगमेंट हमेशा घाटे में रहता है। टिकट के दाम बढ़ाने से पैसेंजर्स की जेब पर असर पड़ता है, इसलिए हम वह भी नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। रेल राज्यमंत्री ने बताया कि केवल मालगाड़ी से ही कमाई होती है। पैंडेमिक के दौरान भी इन्हीं ट्रेनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन ट्रेनों की माल ढुलाई से आम लोगों को काफी राहत मिली है।

रावसाहेब दान्वे ने कहा कि रेलवे ने पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस नवी मुंबई से दिल्ली को जोड़ेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नांदेड़ और मनमाड़ स्टेशन के बीच ट्रैक डबल किया जाएगा।

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