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आर्थिक

अंबानी के हाथों बिकने को मजबूर हुई BIG BAZAAR को चलाने वाली कंपनी

Janjwar Desk
24 Aug 2020 7:18 PM IST
अंबानी के हाथों बिकने को मजबूर हुई BIG BAZAAR को चलाने वाली कंपनी
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रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप विभिन्न नियम एवं शर्तों को लेकर एक समझौते पर पहुंची हैं और जल्द ही 24,000-27,000 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, यह सझौता रिलायंस रिटेल को फैशन, ग्रॉसरी व्यापार का सबसे बड़ा प्लेयर बना देगा और इसके साथ ही बियानी रिटेल सेक्टर से बेदखल हो जाएंगे.....

नई दिल्ली। फ्यूचर रिटेल कंपनी कभी देश में रिटेल किंग के रूप में मशहूर हुआ करती थीं और इस कंपनी के सीईओ किशोर बियानी मैन ऑफ द आइडियाज के रूप में जाने जाते थे लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते यह कंपनी अब बड़े घाटे में चल रही है। फ्यूचर ग्रुप के प्रमुख किशोरी बियानी अब अपना पूरा साम्राज्य मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेचने जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक कंपनी के बढ़ते कर्ज को चुकाया जाए इसके लिए फ्यूचर ग्रुप अभी रिलायंस रिटेल के साथ बातचीत में है।

ये दोनों कंपनियां विभिन्न नियम एवं शर्तों को लेकर एक समझौते पर पहुंची हैं और जल्द ही 24,000-27,000 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह सझौता रिलायंस रिटेल को फैशन, ग्रॉसरी व्यापार का सबसे बड़ा प्लेयर बना देगा और इसके साथ ही बियानी रिटेल सेक्टर से बेदखल हो जाएंगे।

कर्ज के संकट में फंसे किशोर बियानी की स्थिति को इससे समझा जा सकता है कि यदि कोविड-19 के चलते सरकार की ओर से डिफॉल्टर से कर्ज में छूट और नए दिवालिया मामलों का सस्पेंशन ना किया जाता तो आज उनकी कंपनी दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही होती।

जानकारी के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने बीते कुछ सालों में लगातार कर्ज लिया है। 30 सितंबर 2019 को फ्यूचर ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का कर्ज बढ़कर 12,778 करोड रुपए हो गया था, जो 31 मार्च 2019 को 10,951 करोड रुपए था। उसके पास कुछ ड्यूज पेमेंट करने के लिए मार्च तक की डेडलाइन ही थी, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रोक ने फ्यूचर ग्रुप को थोड़ी राहत दे दी।

फरवरी 2020 के मध्य में बियानी के कर्ज ना उतार पाने की क्षमता की बात मार्केट में होने लगी, जिसके बाद कंपनी के शेयर तेजी से नीचे गिरने लगे। इसके बाद कर्जदाता लोन के बदले बियानी से ज्यादा शेयर मांगने लगे।

वहीं इस बीच कोरोना संकट सामने आ गया तो कंपनी को कर्ज को चुकाने के लिए कुछ और समय दिया गया लेकिन इस समय कारोबार को बुरी तरह नुकसान हुआ और कंपनी ने अपने कई स्टोर्स बंद किए। नकदी की बढ़ती कमी ने कंपनी को कर्ज पर डिफॉल्ट होने के लिए मजबूर कर दिया।

जानकारी के मुताबिक किशोर बियान ने नाइबरहुड फॉर्मेट स्टोर जैसे ईजीडे, नीलगिरीज और हेरीटेज में भारी निवेश किया लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। बियानी का अपना बिजनेस प्लान 2000 करोड़ रूपये से उठाकर 20,000 करोड़ रूपये तक पहुंचाने का था लेकिन उनकी कंपनी को वित्तवर्ष 2020 के पहले नौ महीनों में घाटा हुआ, कंपनी का लाभ 11.24 प्रतिशत से घटकर मात्र 619 करोड़ रूपये रह गया।

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