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आर्थिक

LPG Prices hike 1st Nov 2021: दीवाली के पहले फूटा महंगाई बम, LPG सिलिंडर 265 रुपये महंगा

Janjwar Desk
1 Nov 2021 4:54 AM GMT
LPG Prices hike 1st Nov 2021: दीवाली के पहले फूटा महंगाई बम, LPG सिलिंडर 265 रुपये महंगा
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(1 नवंबर 2021 को LPG सिलिंडर के मूल्यों में भारी बढोत्तरी कर दी गई है )

LPG Prices hike 1st Nov 2021: दिवाली से पहले एक बार फिर महंगाई बम फूटा है। यह महंगाई बम LPG पर फूटा है। एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में आज 1 नवंबर 2021 को 265 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई है।

LPG Prices hike 1st Nov 2021: दीवाली (Deepawali) से पहले एक बार फिर महंगाई बम फूटा है। यह महंगाई बम LPG पर फूटा है। एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) के दाम में आज 1 नवंबर 2021 को 265 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, राहत की बात ये है कि यह बढ़ोतरी कमर्शियल सिलेंडर (LPG commercial cylinder) में ही हुई है। घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में आज फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है।

इस बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में कमर्शियाल सिलेंडर 2000 रुपये के पार पहुंच गया है। इससे पहले यह 1733 रुपये का था। मुंबई में 1683 रुपये में मिलने वाला 19 किलो का सिलेंडर अब 1950 रुपये में मिलेगा। वहीं, कोलकाता में अब 19 किलो वाला इंडेन गैस सिलेंडर 2073.50 रुपये का हो गया है। चेन्नई में अब 19 किलो वाले सिलेंडर के लिए 2133 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

ईंधन तेल की बढ़ती कीमत (Price hike in petroleum) का सामना नवंबर माह (November 2021) के पहले दिन भी उपभोक्ताओं को करना पड़ा। जबकि सरकारी तेल कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में 35 पैसे प्रति लीटर महंगा किया। जिसके मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 109.34 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 115.15 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मुंबई में डीजल अब 106.23 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है, जबकि दिल्ली में डीजल का रेट 98.07 रुपये प्रति लीटर है।

पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों ने आम जनता का जीना मुहाल कर रखा है। मध्य प्रदेश के सीमावर्ती अनूपपुर जिले में पेट्रोल की कीमत 121 रुपये प्रति लीटर को पार पहुंच गई है। जबकि डीजल 110 रुपये प्रति लीटर के पार बिक रहा है। वहीं, बालाघाट में भी पेट्रोल का भाव 120 रुपये प्रति लीटर से अधिक है। बालाघाट में पेट्रोल का मूल्य 120.42 रुपये जबकि डीजल 109.69 रुपये प्रति लीटर है। तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।

वहीं, ईंधन तेल की बढ़ती कीमत से भले ही आम आदमी बेहाल है ,पर इस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क से सरकार का खजाना तेजी से बढता जा रहा है। पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत बढ़ा है।यदि कोविड-पूर्व के आंकड़ों से तुलना की जाए, तो पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह में 79 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई है।

मोदी सरकार ने पहली छमाही में 1.71 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। लेखा महानियंत्रक ( कैग) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह अप्रैल-सितंबर, 2019 के 95,930 करोड़ रुपये के आंकड़े से 79 प्रतिशत अधिक है।

वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों से सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 3.89 लाख करोड़ रुपये रहा था। 2019-20 में यह 2.39 लाख करोड़ रुपये था। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू होने के बाद सिर्फ पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस पर ही उत्पाद शुल्क लगता है। अन्य उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी लगता है।

सीजीए के अनुसार, 2018-19 में कुल उत्पाद शुल्क संग्रह 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें से 35,874 करोड़ रुपये राज्यों को वितरित किए गए थे। इससे पिछले 2017-18 के वित्त वर्ष में 2.58 लाख करोड़ रुपये में से 71,759 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए थे। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में पेट्रोलियम उत्पादों पर बढ़ा हुआ उत्पाद शुल्क संग्रह 42,931 करोड़ रुपये रहा था। यह सरकार की पूरे साल के लिए बांड देनदारी 10,000 करोड़ रुपये का चार गुना है।

ये तेल बांड पूर्ववर्ती कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में जारी किए गए थे। ज्यादातर उत्पाद शुल्क संग्रह पेट्रोल और डीजल की बिक्री से हासिल हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में बढ़ा हुआ उत्पाद शुल्क संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रह सकता है।

अगर घरेलू एलपीजी सिलेंडर की बात करें तो आज इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। दिल्ली में 14.2 किलो वाला बिना सब्सिडी का गैस सिलेंडर 899.50 रुपये का ही मिल रहा है। बता दें 6 अक्टूबर को इसके दाम में बढ़ोतरी की गई थी। वहीं, एक अक्टूबर को केवल 19 किलो वाले कामर्शियल सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए थे।

कोलकाता में 926 और चेन्नई में अभी भी 14.2 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर 915.50 रुपये में मिल रहा है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आशंका जताई जा रही थी कि इस बार एलपीजी सिलेंडर का दाम 1000 रुपये के पार चला जाएगा।

दिल्ली में इस साल जनवरी में LPG सिलेंडर का दाम 694 रुपये था, जिसे फरवरी में बढ़ाकर 719 रुपये प्रति सिलेंडर किया गया। 15 फरवरी को दाम बढ़ाकर 769 रुपये कर दिए गए। इसके बाद 25 फरवरी को एलपीजी सिलेंडर के दाम 794 रुपये कर दिए गए।

मार्च में LPG सिलेंडर के दाम को 819 रुपये कर दिया गया। जुलाई में 834.50 का हुआ तो 18 अगस्त को कीमतों में 25 रुपये का इजाफा कर 859.50 रुपये पर पहुंच गया। इसके बाद एक सितंबर को 25 रुपये और बढ़ गया और अक्टूबर में भी 15 रुपये महंगा हो गया।

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