मोदी ने अंबानी से खूब निभाई यारी, रिलायंस के 25 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई पिछले 5 साल में
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जनज्वार। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री संपत्ति सृजन के मामले में देश की सभी कंपनियों से काफी आगे निकल गयी है। खासकर पिछले पांच साल उसके दिन दुनी-रात चैगुनी कमाई के रहे हैं। कंपनी ने सबसे आगे निकलते हुए पिछले 25 साल में 6.3 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति सृजित कर ली है। कंपनी के इस विस्तार में मोदी सरकार का पिछल पांच साल उसके लिए खास तौर पर लाभकारी साबित हुआ है। सिर्फ इन पांच सालों कुल संपत्ति सृजन की दो तिहाई से अधिक संपत्ति कंपनी ने सृजित की।
रिलायंस इंडस्ट्री ने मोदी राज में 2015 से 2020 के बीच अपनी संपत्ति में 4.4 लाख करोड़ रुपये का इजाफा किया। यानी मोदी राज के पहले 20 साल में कंपनी ने जितनी संपत्ति सृजित की उससे दोगुनी से अधिक संपत्ति का सृजन मोदी राज के मात्र पांच साल में कर लिया। ये बातें देश के प्रमुख वित्तीय संस्थान मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सालाना वेल्थ क्रिएशन अध्ययन पर आधारित हैं। यह अध्ययन मंगलवार को जारी किया गया है।
इस अध्ययन में कहा गया है कि यार्न की ट्रेडिंग से कारोबार शुरू करनी वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 25 साल में देश की सबसे बड़ी संपत्ति सृजक के रूप में उभरी है। कंपनी ने अपने कारोबार को तेल, दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में बढाया है। मालूम हो कि कुछ साल पहले शुरू हुए रिलायंस टेलीकाॅम कंपनी जियो देखते-देखते बाजार की अगुआ कंपनी बन गयी। उसने सरकारी नीतियों का खूब लाभ उठाया।
रिलायंस ने इसी साल जून में फेसबुक के साथ 5.7 बिलियन डाॅलर की डील की है, जिसको भारत सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। इसके साथ ही ही मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्री ने खुदरा क्षेत्र में प्रवेश किया है।
अध्ययन में कहा गया है कि संपत्ति सृजन में रिलायंस की नजदीकी प्रतिस्पर्धी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर रही है, जिसने 4.9 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है। संपत्ति सृजन करने वाली अग्रणी कंपनयिों में आइटी कंपनी इन्फोसिस और फाइनेंस कंपनी बजाज फाइनेंस भी शामिल है।
20 अग्रणी कंपनी का रिटर्न सालाना 20 प्रतिशत
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अध्ययन में कहा गया है कि संपत्ति सृजन में अग्रणी रही 20 कंपनियों ने हर साल 20 प्रतिशत के बराबर रिटर्न इन 25 सालों में दिया है। 1995 से 2020 के बीच सेंसेक्स मार्च 1995 के 3200 अंक से मार्च 2020 में 29500 अंक पर पहुंचा गया। यानी उसकी सालाना चक्रवृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही।
अध्ययन के अनुसार, 100 कंपनियों ने 9.2 प्रतिशत से अधिक सालाना रिटर्न दिया है। तीव्र संपत्ति सृजित करने वाली कंपनियों में पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, आयशर मोटर, बर्जर पेंट्स इंडिया और ब्रिटानिया इंडस्टीज भी शामिल हैं। उपभोक्ता कंपनियां संपत्ति सृजन में आगे रहीं, इसके बाद तेल व गैस क्षेत्र की कंपनियों ने अधिक तेजी से संपत्ति सृजन किया है।
किसानों के निशाने पर अंबानी
देश में पिछले करीब एक महीने से किसान आंदोलन चल रहा है। इस दौरान किसान प्रदर्शनकारियों के निशाने पर देश के दो प्रमुख औद्योगिक घराने रिलायंस व अडानी भी हैं। किसानों को इस बात का भय है कि मोदी सरकार से करीबी रिश्ते रखने वाले ये दोनों औद्योगिक घराने कृषि क्षेत्र में प्रवेश करेंगे जिससे उनके हित मारे जाएंगे। रिलायंस और अडानी दोनों कांट्रेक्ट फार्मिंग सेक्टर में प्रवेश कर चुकी हैं। मोदी सरकार के नए कृषि कानून में कांट्रेक्ट फार्मिंग का भी प्रावधान है। इस वजह से किसानों की आशंकाएं बढी हैं। अडानी समूह हिमाचल प्रदेश में सेब किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग का काम करता है। किसानों ने रिलायंस का विरोध जताने के लिए उसके सिम व अन्य प्रोडक्ट का भी आंदोलन के दौरान बहिष्कार करने की अपील की और सिम जलाकर विरोध भी जताया।