Begusarai News : पोखरिया का पाठशाला बना तबेला, स्कूल में बच्चे सीख रहे हैं रंभाना-मिमियाना
Begusarai News : पोखरिया का पाठशाला बना तबेला, स्कूल में बच्चों के साथ पढ़ रही गाय और बकरियां
Begusariai News : बिहार के बेगूसरास ( Begusarai ) जिला स्थित बलिया ब्लॉक के पोखरिया गांव ( Pokharia Village ) में एक स्कूल ( Bihar Government School ) ऐसा है जो तबेले में तब्दील हो चुका है। यह स्थिति जमीन विवाद ( Land Dispute )का समाधान न होने और जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उत्पन्न हुई हैं। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग निष्क्रियता की वजह से जमीन पर हक जताने वाले जमीनदारों ने एक सरकारी स्कूल ( Government School ) के आगे के हिस्से में गाय, भैंस और बकरियां बांध रखी हैं।
बच्चे सीख रहे हैं रंभाना-मिमियाना
विभागीय लापरवाही की वजह से मजबूरन बच्चों को भवन में रहने के बाद भी ऑफिस और बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ रहा है। स्कूल में बच्चे ककहरा सीखने के बदले गाय-बकरी के बीच रंभाना-मिमियाना सीख रहे हैं। स्कूल का आलम यह है कि पूरा स्कूल परिसर गोबर से भरा रहता है। साथ ही वहां पढ़ने के लिए बच्चों को काफी दिक्कत से उन्हीं गाय-भैंस के बीच से होकर निकलना पड़ता है। इसको लेकर स्कूल प्रशासन और कब्जेदार के बीच कई बार टकराव भी हो चुका है।
क्या है जमीन का विवाद?
पोखरिया गांव में एक दानदाता द्वारा जमीन दान देने के बाद स्कूल का निर्माण हुआ था। अब जमीनदार ने स्कूल परिसर में मवेशी बांध दिए हैं। जमीनदाता के परिजन इंदल यादव का कहना है कि लगभग 12 कट्ठे की जमीन में से पूर्वजों ने 5 कट्ठा जमीन स्कूल में दान दिया था। दान में दी गई जमीन के बावजूद उनकी आधी जमीन में स्कूल बना दिया गया है। दान से ज्यादा जमीन पर स्कूल बनाने की वजह से हमलोग जानवर बांधने के लिए मजबूर हैं। इंदर यादव का कहना है कि स्कूल प्रबंधन दान में दी गई जमीन पर स्कूल बना ले और उनकी जमीन छोड़ दे, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
विभागीय अधिकारी नहीं ले रहे समस्या समाधान में रुचि
वहीं प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रेमलता कुमारी ने बताया कि जमीन अतिक्रमण कर गाय बांधने की शिकायत ब्लॉक से लेकर जिला स्तर पर की गई है, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। विभागीय अधिकारियों ने अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।
स्कूल में पढ़ते हैं 700 बच्चे
खास बात यह है कि विद्यालय ( Pokharia School ) में एक से 8 तक कक्षा तक की पढ़ाई होती है। कुल 700 बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल में कुल 4 कमरे हैं। एक कमरे में कार्यालय है और तीन कमरे में बच्चों के बैठाने के लिए रखा गया है। अगर उनके बैठने को जगह नहीं मिलती है तो भूमि पर ही बिठा कर पढ़ाई कराई जाती है। अहम सवाल यह है कि वर्षों बाद जमीन दाता के परिजनों ने निर्माण गलत जमीन में करने का आरोप लगाकर जानवर बांधकर अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे बच्चों को तबेले में जमीन के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है।