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शिक्षा

चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में, बेकार हो सकती है डिग्री, UGC की चेतावनी

Janjwar Desk
26 March 2022 1:13 PM IST
MBBS : यूक्रेन से लौट रहे भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी राहत, जॉर्जिया के विश्वविद्यालयों ने जारी की लिस्ट
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MBBS : यूक्रेन से लौट रहे भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी राहत, जॉर्जिया के विश्वविद्यालयों ने जारी की लिस्ट

UCG Warning : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बीते शुक्रवार को साफ कर दिया है कि चीन से ऑनलाइन पढ़ाई करके मिलने वाली डिग्रियों को वह मान्यता नहीं (Online Degree Not Recognised) देगा...

UCG Warning : चीन (China) में पढ़ाई करके भारत (India) में डॉक्टरी (China Medical Degree) करने का ख्वाब देखने वाले हजारों मेडिकल छात्रों (Medical Students) का भविष्य अधर में हैं। बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बीते शुक्रवार को साफ कर दिया है कि चीन से ऑनलाइन पढ़ाई करके मिलने वाली डिग्रियों को वह मान्यता नहीं (Online Degree Not Recognised) देगा। अगर इसके लिए पहले से अनुमति ली गई होगी, तभी कुछ छूट मिल सकती है।

यूजीसी ने भारतीय छात्रों को किया आगाह

बता दें कि यूजीसी ने ड्रेगन देश में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले भारतीय छात्रों को आगाह किया है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) शुरू होने के बाद से चीन ने विदेशियों के लिए यात्रा प्रतिबंध नहीं हटाएं हैं। ऐसे में दाखिला लेने के बाद भी तमाम स्टूडेंट्स को वहां पढ़ाई के लिए वापस जाने का मौका नहीं मिल पाया है। बेहतर होगा कि छात्र चीन के कॉलेजों में दाखिला लेने से पहले अपने विवेक का इस्तेमान करें और हर पहलू की अच्छे से छानबीन कर लें।

चीनी विदेश मंत्री के सामने भारत ने उठाया मुद्दा

बता दें कि यूजीसी की तरफ से ये एडवाइजरी (UCG Guidelines) बीते शुक्रवार को ऐसे समय पर जारी की गई, जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) दिल्ली दौरे पर आए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jayshankar) ने चीन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की समस्या से अपने चीनी समकक्ष को भी अवगत कराया। बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मिनिस्टर वांग यी (Wang Yi) ने अपने देश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की परेशानी को समझा और भरोसा दिलाया कि वह संबंधित अधिकारियों से इस बारे में बात करेंगे। एस जयशंकर ने आगे कहा कि हमे उम्मीद है कि चीन भारतीय छात्रों के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया नहीं अपनाएगा। यूजीसी की ये एडवाइजरी इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि चीन के विश्वविद्यालय (China Medical College) आने वाले साल के लिए डिग्री कोर्सों में नए दाखिलों के विज्ञापन निकाल रहे हैं और आवेदन मांग रहे हैं।

चीन में 20 हजार भारतीय मेडिकल छात्र

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी थी कि वहां के कॉलेजों में भारत के 20 हजार से ज्यादा मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। कोरोना महामारी के वजह से चीन में सारे विश्वविद्यालय बंद हो गए। इसके बाद इनमें से ज्यादातर छात्र भारत लौट चुके हैं लेकिन चीन ने अब तक कोरोना प्रतिबंधों में ढील नहीं दी है। इसके कारण भारत से छात्र वहां पढ़ाई के लिए वापस नहीं जा पा रहे हैं। भारतीय छात्रों के मन में डर है कि अगर जल्दी ही यात्रा प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई तो उनकी डिग्रियां अमान्य हो जाएंगी क्योंकि भारत ने विदेश से ऑनलाइन ली गई डिग्रियों को मान्यता देने से इंकार कर दिया है।

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