CM योगी का हर साल 16 लाख नौकरी का दावा महज प्रोपेगैंडा, क्यों नहीं भरते खाली पड़े 6 लाख पदों को
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लखनऊ । हर साल एक लाख सरकारी और 15 लाख निजी क्षेत्र में नौकरी मुहैया कराने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान प्रोपेगैंडा करार देते हुए संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम के सदस्य राजेश सचान ने कहा कि प्रदेश में रोजगार संकट रिकॉर्ड स्तर पर है। श्रम शक्ति भागीदारी दर में अनवरत गिरावट जारी है जिससे स्वतः स्पष्ट है कि प्रदेश में रोजगार के अवसरों में भारी कमी आयी है। ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट से लेकर स्टार्टअप, ग्रामीण आजीविका मिशन और रोजगार मेलों का हश्र देखा जा चुका है। भाजपा ने 2017 व 2022 में चुनावीं वादा था कि सरकारी विभागों में सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा लेकिन अभी भी सरकारी विभागों में 6 लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं।
युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में 1.26 लाख शिक्षकों की रिकॉर्ड भर्ती का दावा किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक के बतौर समायोजन के सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर रिक्त हुए पदों पर भर्ती करने के अलावा कोई भर्ती मौजूदा सरकार द्वारा की ही नहीं गई और इधर 5 वर्षों से तो प्राथमिक शिक्षक भर्ती व एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए कोई वैकेंसी नहीं निकली, जबकि बीएड व डीएलड अभ्यर्थियों की संख्या 20 लाख तक हो गई है, बल्कि शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के नाम पर चयन प्रक्रिया ठप है।
इसी तरह प्रदेश में चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार व भाई भतीजावाद खत्म होने और पारदर्शी चयन प्रक्रिया का प्रचार जोरशोर से चलाया जाता है लेकिन सच्चाई यह है कि हर भर्ती में पेपर लीक और धांधली के गंभीर आरोप हैं। बताया संयुक्त युवा मोर्चा के देशव्यापी मुहिम के तहत जल्द ही प्रयागराज में युवा पंचायत का आयोजन होगा।
युवा मंच प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ई. राम बहादुर पटेल ने बताया कि तकनीकी संवर्ग में तकरीबन एक पद रिक्त पड़े हुए हैं। स्थिति यह है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जेई 2016 और 2018 में विज्ञापित भर्तियां अभी तक अधर में हैं।