75 वर्षों से बच्चों को शिक्षित करने वाले विन्देश्वरी इंटर कॉलेज की 52 बीघा जमीन भ्रष्ट अधिकारियों ने की अभिलेखों से गायब, 15 अगस्त को स्कूल बचाओ सम्मेलन होगा आयोजित !

आजमगढ़। आजादी के महापर्व यानी 15 अगस्त के दिन आजमगढ़ के विन्देश्वरी इंटर कालेज तुलसी नगर खंडौरा में स्कूल बचाओ सम्मेलन आयोजित किया जायेगा, जिसमें बतौर मुख्य वक्ता वरिष्ठ शिक्षाविद और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडेय होंगे।
गौरतलब है कि आजादी के आन्दोलन और संघर्ष के बीच नए भारत के निर्माण का सपना संजोए खंडौरा गांव में जन्मे महामानव तुलसी साव जी जो कलकत्ता में अपना सफल व्यवसाय चला रहे थे, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रेरणा से उन्होंने अपने वैतृक गांव खंडौरा में क्षेत्र के नौनिहालों का भविष्य सजाने-संवारने के उद्देश्य से 1944 में एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की थी। उसी समय तुलसी साव ने जमींदारों व जनता से एक बड़ा विद्यालय खोलने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की अपील की। जनसहयोग व जमींदारों की मदद से तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय आजमगढ़ ने 52 बीघा जमीन विद्यालय के लिए आवंटित की थी। तुलसी साव ने विद्यालय चलाने के लिए एक शानदार भवन का निर्माण कराया। नई भवन में 1947 में पठन-पाठन का काम शुरू हो गया व 1949 में बिंदेश्वरी इंटर हायर सेकेण्डरी स्कूल को सरकारी मान्यता मिल गई। बाद में यह विद्यालय उच्चीकृत होकर विन्देश्वरी इंटर कालेज के रूप प्रसिद्ध हुआ और आज भी यह विद्यालय जीवंत है। इसमें सैकड़ों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
आजमगढ़ जनपद के परिचमी छोर पर स्थित इस विद्यालय में आजमगढ़ ही नहीं बल्कि जौनपुर, सुलतानपुर व अम्बेडकर नगर के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने लगे व तुलसी साव का सपना शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए पूरा होने लगा। आजमगढ़ के पश्चिमांचल में स्थापित यह विद्यालय पिछड़े व गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ। इस विद्यालय से वरिष्ठ आईएएस व पंजाब सरकार में प्रमुख सचिव रहे विजय श्रीवास्तव, विधायक रहे भगेलू राम, लम्भुआ के वर्तमान विधायक व आईएएस अधिकारी रहे सीताराम वर्मा, वर्तमान आईएएस अधिकारी सुरेंद्र कुमार पाण्डेय समेत हजारों छात्र, प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, अध्यापक, अधिवक्ता, समाजसेवी इस विद्यालय से निकले व देश व समाज के निर्माण में अपना योगदान दे रहे है। तुलसी साव में खंडौरा गांव में एक अस्पताल का निर्माण कराया। बाद में उनके नाम पर तुलसी नगर रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ।
एक समय था जब आजादी के मिलने के दौर में तुलसी साव जैसे बड़े पूँजीपति व कारोबारी देश के नवनिर्माण में अपना योगदान दे रहे थे, वहीं आज के पूँजीपतियों की गिद्धदृष्टि किसानों की जमीनों पर है। यह लोग शिक्षा मंदिरों तक को नहीं छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में विन्देश्वरी इंटर कॉलेज की जमीन पर अम्बानी साहब की कुदृष्टि पड़ गई। पहले तो विद्यालय की 10 बीघा जमीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में ले ली गई। एक भी पैसे का मुआवजा विद्यालय को नहीं मिला। अव बची 42 बीघा जमीन अम्बानी साहब देश के हुक्मरानों व भ्रष्ट नौकरशाहों की मदद से रिलायंस कम्पनी के बायो सीएनजी प्लोट के लिए विद्यालय की जमीन लूटना चाहते हैं। जहाँ पहले की सरकारों ने शिक्षण संस्थानों व लोकतान्त्रिक संस्थानों के निर्माण में योगदान दिया, वहीं आज की सरकार स्कूलों पर ताला बंदी व लोक तांत्रिक संस्थाओं पर हमला कर रही है। आश्चर्य की बात है कि 75 वर्षों से अनवरत हमारे बच्चों को शिक्षित करने वाले विन्देश्वरी इंटर कॉलेज की 52 बीघा जमीन आजमगढ़ के भ्रष्ट राजस्व कर्मियों की मदद से अभिलेखों से गायब कर दी गयी है।
ऐसी परिस्थिति में जब स्कूलों की तालाबंदी करके, आने वाली पीढ़ियों के शिक्षा के अधिकार को छीनने वाली सरकारों से बचाने के लिए जन संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है, 15 अगस्त को स्कूल बचाओ सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है





