DDU News: मान-मनौव्वल के बाद प्रो. कमलेश गुप्ता ने तोड़ा आमरण अनशन, कुलपति के भ्रष्टाचार पर हुआ सत्याग्रह
DDU News: मान-मनौव्वल के बाद प्रो. कमलेश गुप्ता ने तोड़ा आमरण अनशन, कुलपति के भ्रष्टाचार पर हुआ सत्याग्रह
DDU News: गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय (DDU) के निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्ता ने सोमवार रात लगभग साढ़े दस बजे आमरण अनशन तोड़ दिया। गुआक्टा, फुआक्टा विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सेहत का हवाला देकर दो घंटे की मान-मनौव्वल के बाद उनका अनशन तुड़वाया।
इससे पहले सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने अनशनरत प्रो. कमलेश गुप्ता से मिलकर कहा कि यूनिवर्सिटी के मुद्दों को पार्टी विधानसभा के पटल पर उठायेगी। उन्होने आमरण अनशन पर बैठे प्रो. कमलेश गुप्ता को भरोसा दिया कि उनकी इस लड़ाई से समाजवादी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
सोमवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल DDU के प्रशासनिक भवन पहुँचे। यहां बैठे प्रो. कमलेश गुपता के अनशन का तीसरा दिन था। नरेश उत्तम ने प्रोफेसर गुप्ता से मुलाकात की। प्रोफेसर के साथ बैठे अन्य समर्थकों ने नरेश उत्तम को विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा और परिणामों में खामियां गिनाईं।
अस्पताल ले जाने पर अड़ी स्वास्थ्य टीम
आमरण अनशन पर बैठे प्रो. गुप्ता की सेहत पर तीसरे दिन असर दिखना शुरू हो गया था। जिसे देखते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य अभियंता प्रो. गोपाल प्रसाद और DSW प्रो. अजय सिंह पहुँचे। विवि प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को सूचना दी गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रो. का BP 80-160 पहुँच गया था। स्वास्थ्य विभाग की टाम उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए अड़ गई।
आंदोलन की रणनीति बनाइये- GUACTA
गुआक्टा के प्रेजिडेंट डॉ. KD तिवारी, महामंत्री प्रो. धीरेंद्र सिंहने आश्वासन दिया कि संगठन इस लड़ाई को आगे ले जाएगा। आंदोलन की रणनीति बनाइये, जब भी जरूरत पड़ेगी हम साथ खड़े होंगे। अध्यक्ष डॉ. केडी तिवारी ने कहा कि चिकित्सकों को आशंका थी कि प्रों कमलेश का स्वास्थ्य गिर रहा है, जिसे देखते हुए उनका अनशन तुड़वाया गया। इस दौरान ऑल इंडिया फुपुक्टा के पूर्व क्षेत्रीय सचिव डॉ. राजेश मिश्रा, DDU शिक्षक संघर्ष समिति संयोजक प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी इत्यादि ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
बार एसोसिएशन ने भी किया समर्थन
सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय व मंत्री धीरेंद्र कुमार द्विवेदी ने प्रो. कमलेश गुप्ता के आमरण अनशन का समर्थन किया है। सोमवार को अदिवक्ता दोनो पदाधिकारियों के नेतृत्व में DDU के प्रशासनिक भवन पहुँचे। उन्होने कहा कि यदि व्श्वविद्यालय प्रशासन प्रो. की मांगों पर जल्द विचार नहीं करता है तो अधिवक्ता समाज उनकी लड़ाई को सफल बनाने के लिए हर संभव सहयोग करेगा।
5 अक्टूबर को शुरू किया था आमरण अनशन
प्रो. कमलेश गुप्ता पहली दफा 21 दिसंबर को सत्याग्रह के पहले दिन ही निलंबित किये गये थे। उसके बाद उनका सत्याग्रह जारी रहा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने 8 फरवरी को उनका निलंबन निरस्त कर दिया। लेकिन 2 अक्टूबर 2022 को उन्होने फिर सत्याग्रह और उपवास रखना शुरू कर दिया। जिसके चलते उन्हें 3 अक्टूबर को फिर से निलंबित कर दिया गया था। प्रो. बीती 5 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे थे।
पूरा मामला क्या है?
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह पर कमलेश गुप्ता ने भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए राजभवन में अक्टूबर 2021 में शिकायत की थी। प्रों कमलेश गुप्ता का दावा था कि राजभवन को साक्ष्य और शपथपत्र भी प्रस्तुत किये थे। राजभवन सचिवालय से इस शिकायत की जांच कुलपति को ही सौंप दी गई। आरोपी के खिलाफ आरोपी को ही जांच सौंपने को लेकर प्रोफेसर गुप्ता ने अनशन का रास्ता चुना था।