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शिक्षा

DDU News : कुलपति के खिलाफ नहीं शुरू हुई जांच तो आमरण अनशन पर बैठे निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्त, VC पर लगाए गंभीर आरोप

Janjwar Desk
5 Nov 2022 9:26 AM GMT
DDU News : कुलपति के खिलाफ नहीं शुरू हुई जांच तो आमरण अनशन पर बैठे निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्त, लगाए गंभीर आरोप
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DDU News : कुलपति के खिलाफ नहीं शुरू हुई जांच तो आमरण अनशन पर बैठे निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्त, लगाए गंभीर आरोप

DDU News : गोरखपुर यूनिवर्सिटी हिंदी विभाग में प्रोफेसर कमलेश गुप्ता का कहना है कि कुलपति राजेश सिंह के कार्यकाल में हर काम में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। इसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।

DDU News : उत्तर प्रदेश ( Uttar pradesh ) के गोरखपुर ( Gorakhpur ) स्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ( DDU university ) के प्रोफेसर कमलेश गुप्त ( Professor kamlesh Gupta) आज यानि पांच नवंबर से डीडीयू प्रतिमा के सामने आमरण अनशन ( sitting on fast unto death ) पर बैठ गए हैं। प्रोफेसर गुप्ता एक साल से ज्यादा समय से भ्रष्टाचार में लिप्त कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ जांच की मांग करते आ रहे हैं। जांच की मांग पर जोर देने और विरोध प्रदर्शन करने की वजह से उन्हें निलंबित भी किया जा चुका है। इसके बावजूद प्रोफेसर गुप्त का कहना है कि कुलपति राजेश सिंह के कार्यकाल में हर काम में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। बता दें कि प्रोफेसर कमलेश गुप्ता के इन आरोपों और डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में जारी भ्रष्टाचार के मुद्दे को जनज्वार डॉट कॉम भी प्राथमिकता के स्तर पर लगातार उठा रहा है।

वहीं प्रोफेसर गुप्त ( Kamlesh Gupta ) की इस मांग पर अड़े हैं कि कुलपति राजेश सिंह को पद से हटाया जाए और उनके कार्यकाल में हुए आय-व्यय की जांच की जाए। उन्हें आमरण अनशन के लिए जाते समय गेट पर रोकने की भी कोशिश की गई लेकिन वो डीडीयू की प्रतिमा के सामने अनशन पर बैठने में कामयाब हो गए।

6 सूत्रीय मांगों पर अमल चाहते हैं प्रोफेसर कमलेश गुप्त

शनिवार से आमरण अनशन पर बैठे प्रो. कमलेश गुप्त अपनी छह सूत्रीय मांगों पर जांच चाहते हैं। उनकी मांग है कि कुलपति प्रो. राजेश सिंह के विरुद्ध की गई शिकायतों की निष्पक्ष जांच हो। जांच होने तक उन्हे कुलपति पद से कार्य अलग रखा जाए। उनके कार्यकाल में हुई विश्वविद्यालय की समस्त आय और व्यय की निष्पक्ष जांच हो। दोषी पाए जाने पर प्रो. राजेश सिंह को पदमुक्त करते हुए विधिक कार्यवाही सुनिश्चित हो। प्रो. कमलेश गुप्त के निलंबन के आरोप पत्र एवं तथाकथित जांच समिति के सम्पूर्ण कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग सार्वजनिक की जाए। जन सूचना अधिकार कानून के अर्न्तगत प्रो. कमलेश गुप्त द्वारा मांगी गई समस्त सूचनाएं उपलब्ध करायी जाएं।

इसलिए लेना पड़ा अमरण अनशन पर बैठने का फैसला

प्रोफेसर कमलेश गुप्त ( Prof Kamlesh Gupta ) ने कहा कि प्रो. राजेश सिंह के विरुद्ध शपथ पत्र और साक्ष्यों सहित कुलाधिपति से की गई शिकायतों पर एक वर्ष से अधिक की अवधि बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही न होने के कारण उन्हें आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लेना पड़ा है। अनशन स्थल पर डीडीयू शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष व शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी व कॉमर्स के प्रोफेसर अजेय गुप्ता भी मौके पर पहुंच गए हैं। प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने शिक्षकों से अपील की है कि वे समर्थन में आगे आएं। यूपी आवासीय विश्वविद्यालय महासंघ के अध्यक्ष प्रो. चितरंजन मिश्र ने भी सभी से प्रोफेसन गुप्ता के समर्थन में आगे आने की अपील की है।

डीडीयू प्रशासन झुकने को तैयार नहीं

DDU News : दूसरी तरफ हिंदी विभाग के प्रो. कमलेश गुप्त के आमरण अनशन पर बैठने से नाराज डीडीयू प्रशासन ने भी सख्त रवैया अख्तियार करने का संकेत दिया है। डीडीयू प्रशासन आमरण अनशन को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को लिखित में सूचना दे दी है। साथ ही राजभवन को भी इसकी सूचना दी गई है। डीडीयू प्रशासन की ओर से कहा गया है कि प्रो. कमलेश गुप्त का साथ देना भी अनुशासनहीनता माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

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