IIT Kanpur : सरकारी कॉलेजों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए REC इनोवेशन प्लेटफॉर्म कार्यशाला का हुआ आयोजन
(IIT कार्यशाला में छात्रों से संवाद करते प्रोफेसर)
IIT Kanpur : स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर, आईआईटी कानपुर (iitk) ने अपनी तरह के पहले कार्यक्रम, REC इनोवेशन प्लेटफॉर्म में एक अद्वितीय 2-दिवसीय इन-पर्सन वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसे ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (RECL) ने अपने CSR फंड के माध्यम से समर्थित किया। कार्यशाला ने उत्तर प्रदेश राज्य के 20 क्षेत्रीय सरकारी इंजीनियरिंग और विज्ञान कॉलेजों के छात्रों की भागीदारी रही।
यह कार्यशाला साल भर चलने वाले कार्यक्रम का हिस्सा थी जिसका उद्देश्य संबंधित कॉलेजों के छात्रों और संकाय सदस्यों को उद्यमिता की एक अच्छी समझ विकसित करने और उनकी उद्यमशीलता यात्रा में संभावित चुनौतियों की पहचान करने में मदद करना था।
इस कार्यशाला की शुरुआत प्रोफेसर एआर. हरीश, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट, आईआईटी कानपुर के उद्घाटन भाषण के साथ हुई, इसके बाद एसआईआईसी में कोर टीम के सदस्यों, डॉ निखिल अग्रवाल, सीईओ- फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी-आईआईटीके (FIRST IITK), C3i हब, पीयूष मिश्रा, सुधा सेल्वराज और राहुल पटेल के प्रमुख संबोधन हुए।
आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में अच्छी तरह से सुसज्जित बुनियादी ढांचे के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी देने के अलावा, सत्रों ने एक स्टार्टअप के लिए उत्पाद त्वरण की प्रक्रिया को बढ़ाने, विभिन्न चरणों में फंडिंग तक पहुँचने और इन कॉलेजों में से प्रत्येक में नवाचार-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए एसआईआईसी (SIIC) की मदद को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इसकी रूपरेखा भी तैयार की गई।
इसके अलावा कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के साथ एसाइआईसी के राहुल पटेल द्वारा एसआईआईसी (SIIC) के वेंटिलेटर प्रोजेक्ट और मिशन भारत O2 प्रोजेक्ट की सफल राष्ट्रीय पहलों से महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और सीख भी साझा की गई।
कार्यशाला में एनके. मौर्य, सीजीएम, आरईसीएल और कार्यक्रम समिति के सदस्य ने प्रतिभागियों को अपने संबोधन में छात्रों को हमारे आसपास की चुनौतियों को हल करने के लिए साहसिक और पथप्रदर्शक नवीन परियोजनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने संकाय सदस्यों को अपने संबंधित कॉलेजों में इनक्यूबेशन सेंटर/सेल के माध्यम से इस तरह की नवीन परियोजनाओं को उनके प्रारंभिक चरण में समर्थन और स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने इस पहल पर एसआईआईसी टीम को बधाई दी और कहा, "आईआईटी कानपुर ने हमेशा जमीनी स्तर पर बदलाव लाने का समर्थन किया है। एसआईआईसी टीम ने इस दिशा में एक और सकारात्मक कदम उठाया है और हमें विश्वास है कि आरईसीएल के साथ यह सहयोग उत्तर प्रदेश राज्य में उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के एक नए युग की शुरुआत करेगा।
क्या है स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर?
वर्ष 2000 में स्थापित, स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) आई आई टी कानपुर अपनी पहल के तहत कई सफलताओं के साथ सबसे पुराने प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों में से एक है l वर्ष 2018 में, आई आई टी (IIT) कानपुर द्वारा प्रवर्तित एक सेक्शन -8 कंपनी, फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (FIRST) के तहत इनक्यूबेटर के संचालन को लाया गया । 2 दशकों की अवधि में पोषित इस बहुविध जीवंत ऊष्मायन पारिस्थितिकी तंत्र का उद्देश्य एक विचार को व्यवसाय में परिवर्तित करने की यात्रा में आने वाले सभी अवरोधों को दूर करना है।