UP में असली अनामिका शुक्ला आईं सामने, दूसरे उनके नाम पर कमा गए करोड़ों और वो आज भी बेरोजगार
जनज्वार। उत्तर प्रदेश में बीते एक सप्ताह से चर्चा में रहीं अनामिका शुक्ला आज सामने आ गई हैं। उप्र के गोंडा जिले की रहने वाली अनामिका शुक्ला ने किसी भी जिले में नौकरी नहीं की है, और वह आज भी बेरोजगार हैं। मंगलवार 9 जून को गोंडा में बेसिक शिक्षा अधिकारी के सामने आई अनामिका शुक्ला नामक युवती ने दावा किया कि वह कहीं नौकरी नहीं कर रही है, बल्कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया गया है।
शुक्ला ने बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति को अपने मूल अभिलेख दिखाते हुए कहीं भी नौकरी न करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर व लखनऊ में 2017 में आवेदन किया था, लेकिन न तो काउंसिलिंग में प्रतिभाग किया और न ही कहीं नौकरी ही कर रही हैं।
बीएसए ने बताया, अनामिका शुक्ला की ओर से इस आशय का शपथ दिया गया है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों को फर्जी ढंग से इस्तेमाल किया गया। उसने शपथ पत्र में लिखा है कि मीडिया में मामला देखा तो मंगलवार को सच्चाई अवगत कराने के लिए यहां आई।"
बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि "अनामिका शुक्ला आई थीं। उन्होंने मूल अभिलेख प्रस्तुत किया। शैक्षिक अभिलेखों के दुरुपयोग के मामले में उनको एफआईआर कराने के लिए कहा गया है।"
शुक्ला ने कहा है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का गलत इस्तेमाल कर इस मामले में पकड़ी गई युवती ने अलग-अलग जगहों पर नौकरी हथियाने का काम किया है। उसने आशंका जताई है कि इसके पीछे एक बड़ा रैकेट हो सकता है। बीते कई दिनों से चल रहे इस मामले का असली अनामिका के सामने आने के साथ पटाक्षेप हो गया।
अनामिका शुक्ला का मायका गोंडा के भुलईडीह में है। 2013 में पिता सुभाष चंद्र शुक्ल ने उनकी शादी धानेपुर के दुर्गेश शुक्ल के साथ कर दी थी। वर्तमान में वह ससुराल में रह रही हैं। अनामिका के दो बच्चे एक लड़की व एक लड़का है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से प्रदेश में अनामिका शुक्ला का नाम छाया हुआ है। कहा जा रहा है कि प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में इस नाम से पूर्णकालिक शिक्षक की नौकरी कर रही थी। यह प्रकरण खुलने के बाद से ही अनामिका की खोज की जा रही थी।