Safoora Zagar News : जामिया ने सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द करने को बताया सही, फैसले के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन
Safoora Zagar News : जामिया ने सफूरा जरगर का दाखिला रद्द करने को बताया सही, फैसले के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन
Safoora Zargar News : जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से बड़ी खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय ने दंगों की आरोपी और एक्टिविस्ट सफूरा जरगर के दाखिले को रद्द करने की स्वीकृति दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विश्वविद्यालय के आदेश के बाद सफूरा जरगर का दाखिला रद्द कर दिया गया। इस सबके बीच सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द किए जाने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। वहीं जामिया ने सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द करने को सही फैसला बताया है। विश्वविद्यालय की ओर साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद सफूरा ने अपनी पीएचडी थीसिस जमा नहीं करवाई जिसके बाद ये कदम उठाना पड़ा।
विश्वविद्यालय सफूरा को दे चुका है अतिरिक्त समय
सफूरा जरगर जामिया से सोशियोलॉजी में एमफिल की छात्रा थीं। जानकारी के अनुसार उन्होंने पांच सेमेस्टर होने के बाद भी अभी तक अपनी थीसिस सबमिट नहीं की। इसे लेकर विश्वविद्यालय ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए दाखिला रद कर दिया। फिलहाल इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा है कि 5 सेमेस्टर होने के बावजूद सफूरा ने अपनी एमफिल की थीसिस सबमिट नहीं की। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने कहा है कि उन्होंने एक्सटेंशन के लिए अप्लाई नहीं किया था। साथ ही उनके प्रोजेक्ट सुपरवाइजर को भी उनकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगी। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
सफूरा जरगर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप
बता दें कि 1993 में जम्मू कश्मीर स्थित किश्तवाड़ में जन्मी सफूरा जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा और जामिया समन्वय समिति की मीडिया समन्वयक थीं। उन पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश का हिस्सा होने और 23 फरवरी 2020 को भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सफूरा जरगर को अप्रैल 2020 में गिरफ्तार भी किया गया था। वर्तमान में वह जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि गर्भवती होने के कारण को लेकर कोर्ट में बेल की अर्जी दी गई थी। इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि उसे सफूरा की रिहाई को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिल गई थी। जमानत की शर्त यह थी कि वह कोर्ट की इजाजत के बिना राजधानी दिल्ली नहीं छोड़ेंगी और न ही जांच में कोई बाधा उत्पन्न करेंगी।