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शोभना नार्लीकर बनी BHU पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष, दलित होने के कारण उत्पीड़न का आरोप लगा धरने पर बैठकर हिला दिया था प्रशासन को

Janjwar Desk
27 Dec 2022 2:52 PM GMT
शोभना नार्लीकर बनी BHU पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष, दलित होने के कारण उत्पीड़न का आरोप लगा धरने पर बैठकर हिला दिया था प्रशासन को
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शोभना नार्लीकर बनी BHU पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष, दलित होने के कारण उत्पीड़न का आरोप लगा धरने पर बैठकर हिला दिया था प्रशासन को

BHU news : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख नियुक्त होने वाली प्रोफेसर शोभना नार्लीकर ने आरोप लगाया था, दलित होने के नाते विवि में उनका मानसिक शोषण किया जाता है, रेगुलर होकर कक्षाएं लेने के बावजूद उन्हें कार्यालय में लीव विदाउट पे दिखाया जाता है, उनके उत्पीड़न की यह सीरीज 2013 से लगातार चल रही थी...

BHU news : महामना की बगिया कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दलित होने के कारण उत्पीड़न का आरोप लगाकर धरना देने वाली पत्रकारिता विभाग की प्रोफेसर शोभना नार्लीकर को विवि प्रशासन ने विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति दे दी है। बीएचयू के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग में प्रोफेसर रही डॉ शोभना नार्लीकर ने बीते साल फरवरी माह के आखिरी दिन पूरे देश के अकादमिक क्षेत्र में उस समय सनसनी मचा दी थी जब उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर अपने दलित होने के कारण उत्पीड़न का सनसनीखेज आरोप लगाया था। शोभना को विभागाध्यक्ष बनाए जाने की अधिसूचना संयुक्त कुल सचिव डॉ. नंदलाल की ओर से जारी की गई है।

डॉ. शोभना नार्लीकर को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग का विभागाध्यक्ष बनाये जाने की सूचना और पत्र साझा करते हुए चौथी राम यादव लिखते हैं, 'कुछ दिनों पहले से सीनियारिटी को लेकर बीएचयू पत्रकारिता विभाग में चल रही जद्दोजहद के बाद अंततः दलित महिला प्रोफेसर #शोभना #नार्लीकर अब संभालेंगी विभागाध्यक्ष पद की कमान।'

बता दें कि साल 2021 के फरवरी महीने के आखिरी दिन पूर्वांचल में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग की प्रोफेसर डॉ. शोभना राजेश नार्लीकर ने विवि के आला अफसरों पर अपने को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए देशभर के अकादमिक क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी थी।


उनका कहना था कि दलित होने के नाते विवि में उनका मानसिक शोषण किया जाता है। रेगुलर होकर कक्षाएं लेने के बावजूद उन्हें कार्यालय में लीव विदाउट पे दिखाया जाता है। शोभना नार्लीकर का कहना था कि उनके उत्पीड़न की यह सीरीज 2013 से लगातार चल रही थी। रजिस्ट्रार से लेकर विवि के कई अफसरों से इसकी शिकायत के बाद भी उनके इस मामले में कभी सुनवाई नहीं हुई।

उस वक्त शोभना नार्लीकर ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसर और विभाग के कुछ प्रोफेसर्स पर यह भी आरोप लगाया था कि "यह नहीं चाहते कि वह विभागाध्यक्ष बनें। इसीलिए क्लास लेने से रोककर उनकी सीनियरिटी को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।" अपने इस आरोप के साथ ही शोभना ने उस वक्त विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑफिस के सामने धरना भी दिया था। जिसके बाद यह मामला पूरे देश में चर्चित हुआ था।

इस घटना के बाद अब खबर है कि प्रोफेसर शोभना नार्लीकर को विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग में विभागाध्यक्ष पद पर तैनाती दी गई है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संयुक्त कुल सचिव डॉ. नंदलाल द्वारा मंगलवार 27 दिसंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा डॉ. शोभना राजेश नार्लीकर को एक जनवरी 2023 से अगले तीन साल के लिए पत्रकारिता और जनसंचार विभाग, कला संकाय का विभागाध्यक्ष पद पर तैनाती दी गई है।

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