मोदी सरकार की काहिली के कारण खिलाड़ी हुए हैं जंतर मंतर पर प्रदर्शन को मजबूर, छोटूराम यूनिवर्सिटी के छात्र भी उतरे विरोध में
कल 2 मई की शाम दीनबंधु छोटूराम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल ;सोनीपतद्ध के छात्रों और शोधार्थियों ने जंतर मंतर पर अपनी जायज मां्रगों के लिए संघर्षरत पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन किया।
संघर्षरत पहलवानों के समर्थन में प्रतिरोध सभा की गई। इस सभा में छात्रों के सामने इस पूरे प्रकरण पर बातचीत रखी गई। उसके बाद पूरे विश्वविद्यालय कैंपस में नारेबाजी के साथ रैली निकाली गई।
शोधार्थी परिषद के मनजीत चाहर ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत सभी जुझारू पहलवानों की सभी माँगों का समर्थन किया। प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के उत्कृष्ट कुश्ती खिलाड़ी 23 अप्रैल से एक बार फिर धरने पर बैठ गये हैं। मोदी सरकार की काहिली और स्त्री विरोधी व भ्रष्टाचारी रवैये के कारण ओलम्पिक.कॉमनवेल्थ-एशियाई पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, सत्यव्रत, जितेन्द्र व अन्य जंतर मंतर पहुँचकर प्रदर्शन करने को मजबूर हुए हैं। आज इनके धरने का 10 वाँ दिन है, लेकिन सत्तापक्ष में बैठे एक भी व्यक्ति ने इन महिला पहलवानों से मिलना जरूरी नहीं समझा। इससे पता चलता है कि सरकार आरोपी सांसद बृजभूषण शरण के साथ खड़ी है।
मनजीत चाहर कहते हैं, बृजभूषण सिंह एक कुख्यात बाहुबली है जिस पर 40 के लगभग मुकदमे दर्ज़ हैं। लोगों को डरा.धमकाकर वोट हासिल करने में गुण्डई भी एक कारगर हथियार है। पूर्वांचल के अपने वोट बैंक को बचाये रखने के मक़सद से भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को बचा रही है। कुलदीप सिंह सेंगर, चिन्मयानन्द, बलेश धनखड़, सन्दीप सिंह, एम जे अकबर, साक्षी महाराज, विजय जौली आदि की लिस्ट में बृजभूषण सिंह भी शामिल हो जाये तो क्या ही अचरज हो सकता है। इस पूरे प्रकरण से स्त्री विरोधी अपराधियों को प्रश्रय देने वाली भाजपा का चाल-चरित्र-चेहरा एक बार फिर से जनता के सामने बेनकाब होता है।
शोधार्थी परिषद से संदीप पुनिया ने कहा कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के स्त्री विरोधी और भ्रष्टाचारी रवैये के ख़िलाफ़ अवाज़ उठाते हुए बजरंग पुनिया व अन्य खिलाड़ियों ने इसी साल जनवरी में प्रदर्शन कर बृजभूषण सिंह के इस्तीफ़े, फेडरेशन में तत्काल बदलाव और आरोपियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की माँग उठायी थी। तब प्रदर्शन के दबाव में आकर बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ से निलम्बित किया गया था, लेकिन आज भी कुश्ती संघ में इसकी दख़ल जारी है।
खेल मंत्रालय ने आरोपों की जाँच के लिए 23 जनवरी को पाँच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया और एक महीने के भीतर जाँच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी, मगर आज तीन महीने बाद भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है और सभी आरोपी आज़ाद घूम रहें हैं। बृजभूषण पर खिलाड़ियों के साथ गाली.गलौच करने, मारपीट करने, क्षेत्रवाद बरतने और भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप भी लगे हैं। इससे पहले भी इन पर साम्प्रदायिकता, आगजनी, हिंसा और दंगे जैसे अपराधों में संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं और मुकदमे चल रहे हैं।
दीन बंधु छोटूराम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभी छात्र और शोधार्थी पहलवानों के समर्थन में मुश्तैदी के साथ खड़े हैं। संघर्ष की जीत तक हम अपने पहलवान भाइयों-बहनों और साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहेंगे। इस प्रदर्शन में विक्रमजीत, ताराचंद, रणधीर, सौरभ, विजय, परवीन, सोमवीर, विकाश आदि तमाम शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल रहे।