यौन हिंसा के खिलाफ़ BHU में छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन, महिला सुरक्षा की मांग
यौन हिंसा के विरुद्ध BHU में छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन
जनज्वार। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय कैंपस में यौन हिंसा का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ़ यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन कर कुलपति को ज्ञापन सौंपा। छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और वाइस चांसलर के नाम पर ज्ञापन सौंपा।
BHU कैंपस में भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले त्रिवेणी हॉस्टल की एक छात्रा के साथ तीन लड़कों ने यौन हिंसा की और उसके दोस्त को भी पीटा। उनका आरोप था कि घटना के बाद प्रॉक्ट्रियल बोर्ड का बेहद ढीला और असंवेदनशील रवैया था।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केवल यही एक घटना भर नहीं हुआ है बल्कि, कैंपस में लगातार ऐसी घटनाएं होती आ रही हैं। कुछ मामले सामने आते हैं तो कुछ नहीं। आए दिन सड़क पर लड़के लड़कियों पर अश्लील कमेंट हो रहा है। लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं भी हो रहीं हैं। उनका आरोप था कि प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जा रही है। साथ ही यौन हिंसा करने वाले लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने कहा कि प्रशासन की यह पूरी जिम्मेदारी है कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी की सुरक्षा हो, परंतु इसके उलट प्रशासन द्वारा अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने कहा कि बीएचयू देश में तीसरी रैंक यूनिवर्सिटी होने के बावजूद महिला सुरक्षा के नाम पर बहुत पिछड़ा हुआ है। इस मुद्दे पर भले ही एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया हो परंतु हमारा आंदोलन केवल इस मुद्दे पर न्याय मांगने के लिए नहीं अपितु कैंपस में आए दिन हो रही यौन हिंसा की घटनाओं को खत्म करने के लिए और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने के लिए है।
उन्होंने कहा कि पार्टियों के नेता अपने भाषणों में महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं और कैंपस में ऐसी घटनाएं घटित हो रहीं हैं। छात्राओं ने बीएचयू प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर वे यौन हिंसा को रोकने की बात को गंभीरता से नही लेते हैं तो स्टूडेंट्स 2017 वाले आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे ।
विरोध प्रदर्शन में पूजा, शुभम, राधिका, योगेश , चंदन, अभिषेक, आकांक्षा, इप्शिता, कमल, राकेश, सुमित, खेता, अवनीश आदि छात्र-छात्रा मुख्य रूप से शामिल थे।