UKSSSC Paper Leak : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी निलंबित, उत्तराखंड शासन की बड़ी कार्रवाई
UKSSSC Paper Leak : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी निलंबित, उत्तराखंड शासन की बड़ी कार्रवाई
UKSSSC Paper Leak : उत्तराखंड में भर्तियों को लेकर मचे बवंडर के बीच उत्तराखंड सरकार ने बीते गुरुवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के निवर्तमान सचिव संतोष बडोनी को निलंबित कर दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। संतोष बडोनी को सरकार ने कुछ दिन पहले आयोग के सचिव पद से हटा दिया था।
भर्ती घोटाले में बड़ी कार्रवाई
सचिव सचिवालय प्रशासन विनोद कुमार सुमन की ओर से गुरुवार को देर रात संतोष बडोनी के निलंबन का आदेश जारी किया गया। निलंबन अवधि में बडोनी सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान कार्यालय में अटैच रहेंगे। भर्ती घोटाले में इसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
अब तक 31 लोगों की हो चुकी हैं गिरफ्तारी
आयोग पर हुई पहली कार्रवाई भर्ती घोटाले में सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसर पर पहली बड़ी कार्रवाई की। अभी तक भर्ती घोटाले में एसटीएफ करीब 31 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आयोग के अफसरों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं हुई थी। बता दें कि राजू घपलों के सामने आते ही तत्कालीन अध्यक्ष एस. इस्तीफा देकर किनारे हो गए थे। सभी अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद उछालकर अपने को बचाने में जुटे हुए थे।
सचिवों की कार्य क्षमता पर उठ रहे सवाल
आयोग में अभी तक सचिव का जिम्मा सचिवालय के संयुक्त सचिवों के पास रहा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन से लेकर अभी तक इन सभी सचिवों की कार्य क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। कोई भी सचिव अपना कौशल साबित नहीं कर पाया। इसी के चलते अब सचिव पद पर आईएएस और पीसीएस अफसरों को तैनात करने की मांग उठने लगी है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की संदिग्ध भूमिका
सरकार ने अंतोष बडोनी पर कार्रवाई कर भर्ती घपले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गलती को मान लिया है। सरकार की कार्रवाई से साफ हो गया है कि भर्ती घोटाले में आयोग के अफसरों की भूमिका संदिग्ध रही। एजेंसी के चयन से लेकर पेपर की सुरक्षा समेत परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में आयोग के अफसर पूरी तरह फेल रहे।
अफसरों पर कड़ी कार्रवाई
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अफसरों को दागी एजेंसी पर मेहरबानी भारी पड़ी। एजेंसी पर सवाल उठने और पेपर लीक मामले में संलिप्तता पाए जाने के बाद भी अफसरों ने कार्रवाई नहीं की। एजेंसी से जुड़े लोगों के हिरासत में आने के बाद भी अफसरों ने कार्रवाई से परहेज किया।