संयुक्त राष्ट्र के क्लाइमेट एक्शन प्लान के 7 युवा नेताओं में भारत की अर्चना सोरेंग भी शामिल
नई दिल्ली। दुनिया भर में बिगड़ते जलवायु संकट से निपटने के मकसद से वैश्विक कार्रवाई किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को नियमित रूप से सलाह देने के लिए 18-28 साल तक की आयु के सात युवा नेताओं में एक भारतीय भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्णय लेने संबंधी और नियोजन प्रक्रियाओं में अधिक युवा नेताओं को शामिल किए जाने के संगठन के इस नए प्रयास को चिह्न्ति करने के लिए गुटेरेस द्वारा यह घोषणा की गई और ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 से उबरने के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में जलवायु कार्रवाई में गति लाने की दिशा में काम कर रहा है।
अर्चना सोरेंग वकालत व अनुसंधान में अनुभवी हैं। वह स्वदेशी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक प्रथाओं को समर्थन देने, उन्हें संरक्षित करने और उनका प्रसार के काम से जुड़ी हैं।अन्य युवा जलवायु नेता सूडान, फिजी, मोल्दोवा, अमेरिका, फ्रांस और ब्राजील से हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर युवा सलाहकार समूह की स्थापना की घोषणा करते हुए एक वीडियो में कहा, 'हम एक जलवायु आपातकाल की स्थिति में हैं। हमारे पास विलासिता के लिए समय नहीं है। कोविड-19 से बेहतर ढंग से उबरने, अन्याय और असमानता का सामना करने और जलवायु व्यवधान की रोकथाम करने के लिए हमें तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमने जलवायु कार्रवाई के फ्रंटलाइन में युवाओं को देखा है जो हमें दिखाते हैं कि एक साहसिक नेतृत्व कैसा दिखता है इसीलिए मैं आज जलवायु परिवर्तन पर अपने युवा सलाहकार समूह को पेश कर रहा हूं - जो जलवायु कार्य योजना में अपने दृष्टिकोण, विचार और समाधान प्रदान कर हमारी मदद करेंगे।'
वहीं अर्चना ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, प्रिय मित्रों, मैं खुश हूं कि मुझे जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के युवा सलाहकार समूह की सात सदस्यीय समिति के लिए चुना गया है। जीवन की इस यात्रा में भूमिका निभाने के लिए मैं सभी की आभारी हूं। यह हमारे पूर्वजों और परिवार के संघर्ष और बलिदान की वजह से है कि मैं शिक्षा प्राप्त कर सकी हूं और अभी भी कर रही हूं।