जानिये प्रदूषण और स्मॉग इंसान के स्वास्थ्य के लिए क्यों है खतरनाक और इससे कैसे करें बचाव !

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Air pollution : स्मॉग एक अपेक्षाकृत नया शब्द है, जो धुएं और कोहरे के संयोजन से बना है। स्मॉग वायु प्रदूषण के कारण सर्दी के मौसम में देखा जाता है।
यह कहा जा सकता है कि स्मॉग एक ऐसा कृत्रिम कोहरा है, जो मानवीय गतिविधियों और प्रकृति की कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अप्राकृतिक तरीके से बनता है। कई शहरों में स्मॉग एक गंभीर समस्या है और यह मानव स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। जमीनी स्तर का ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और हृदय और फेफड़ों की स्थिति जैसे वातस्फीति, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक होता है। इससे आंखों में जलन हो जाती है, सीओपीडी (अवरोधक फुफ्फुसीय रोग), हृदय रोग और अस्थमा आदि होता है।
स्मॉग क्यों बनता है?
आजकल स्मॉग आमतौर पर रासायनिक रूप से उत्पन्न होता है। जब हवा में रासायनिक प्रदूषक (विशेष रूप से नाइट्रोजन ऑक्साइड और ऑटोमोबाइल निकास से निकलने वाले वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOC)) सूर्य की किरणों से गर्म होते हैं और रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं।
स्मॉग के ख़तरों से कैसे बचें?
यदि वातावरण में स्मॉग फैला हो तो घर से बाहर न निकलें। यदि बाहर जाना ज़रूरी हो तो हमेशा उच्च गुणवत्ता वाला N95 मास्क पहनें, ताकि आप हवा में घुले हानिकारक कणों से बच सकें। सहूलियत हो तो घर के अंदर हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, प्रदूषण के मौसम में घर में प्रदूषणरोधी पौधे लगायें। घर के बाहर लगे पौधों और धूल वाली जगहों पर पानी का छिड़काव करें। ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे वातावरण में धूलकण फैलें जैसे धुआँ, पराली जलाना, मकान निर्माण कार्य आदि।





