Kanpur News : अल्ट्रासाउंड चाहिए 100 रू. लाओ, जिला अस्पताल में चल रहा गरीबों से लूट का खुला खेल फर्रूखाबादी
(जिला अस्पताल कानपुर देहात में दिया गया 100 रू. उगाहने का शिकायती पत्र)
Kanpur News (जनज्वार) : प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Govt.) लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में जुटी हुई है। समय दर समय वह भरे मंच से इस बात का ऐलान भी खूब करती नजर आती है। बशर्ते उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दावा करने वाली योगी सरकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है।
अधिकारी खुलेआम सरकार की योजनाओं और सुविधाओं पर बट्टा लगाते नजर आ रहे हैं, भ्रष्टाचार निचले स्तर से शुरू होकर ऊंचे अधिकारियों के टेबल तक कैसे पहुंचता है यह देखकर हैरानी होती है। कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के सरकारी जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड को कराने के लिए खुलेआम मांगे जा रहे हैं 100 रुपए।
ताजा मामला कानपुर देहात के जिला अस्पताल में भर्ती महिला वार्ड में एक मरीज की है, जो गर्भावस्था के दौरान अपना इलाज कराने आई थी। गायनोलॉजिस्ट की सलाह पर महिला अपने जेठ के साथ जिला अस्पताल पहुंची थी। पीड़िता के जेठ अमित का आरोप है अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) कराने के लिए जैसे ही डॉक्टर के सामने गये, लैब में मौजूद डॉक्टर ने उसका पर्चा लेने से मना कर दिया और पर्चा सिर्फ 10 मिनट में ही जमा करने की बात कही। इस दौरान समय निकल गया।
पीड़ित के वापस लौटते ही डॉक्टर ने उसे आवाज देकर कहा कि सौ रुपए दो तो अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) करा देता हूं। मजबूर और जरूरतमंद 100 की जगह 50 रूपये देने को तैयार हो गया। लेकिन लैब में मौजूद एक कर्मचारी ने मानो भ्रष्टाचार की कसम खा रखी थी, उसने पीड़ित अमित से 100 रू. देने को कहा और कहा कि बिना 100 रू. के अल्ट्रासाउंड नहीं हो सकता है।
अस्पताल के कर्मचारी द्वारा 100 रू. की घूस मांगे जाने पर पीड़ित ने अपने मोबाइल से सरकारी कर्मचारी का वीडियो बनाना शुरू कर दिया और बात ही बात में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 100 रू. की लेनदेन की प्रक्रिया पीड़ित के मोबाइल में कैद हो गई। जिसके बाद पीड़ित ने महिला विभाग की सीएमएस वंदना सिंह (CMS Vandna Singh) से लिखित में इस पूरे प्रकरण की शिकायत की।
गौरतलब है कि, कानपुर देहात का जिला अस्पताल (Disst. Hospital Kanpur Dehat) कई बार अपने कारनामों से पहले भी सुर्खियां बटोर चुका है, कभी जिला अस्पताल में मरीज को एक्सपायरी डेट की दवाई लगाकर तो कभी इलाज के नाम पर पैसे ऐंठे जाते हैं। हालांकि भ्रष्टाचार का यह लेनदेन महज निचले स्तर तक ही सीमित नहीं है। सूत्रों की माने तो उसकी छोटी छोटी रकम बड़े बड़े अधिकारियों में भी बराबर से बांटी जाती है।
इस मामले में सीएमएस वंदना सिंह (CMS Vandna Singh) से बात की गई तो उन्होंने महज जांच का हवाला देकर कार्रवाई करने की बात कह दी। अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर इस तरीके के भ्रष्टाचार से आम जनता कितनी परेशान होती है, और देखने वाला शायद कोई भी नहीं क्योंकि अधिकारी आंख पर पट्टी बांधकर बैठे हैं।
इनपुट : मोहित कश्यप, कानपुर देहात