मथुरा-वृंदावन के 10 किमी दायरे में शराब-मांस बैन, पत्रकार ने कहा साढ़े 4 साल बाद धार्मिक अफीमची खुश हो जाएंगे
(योगी सरकार का फैसला मथुरा-वृंदावन में 10 किमी दायरे में बैन होगा शराब-मांस)
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चुनावी वक्त बड़ा एतिहासिक फैसला लिया है। फैसला, जिसमें मथुरा-वृंदावन में शराब व मांस की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर दी है। जानकारी सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने मथुरा-वृंदावन में श्री कृष्ण जन्म स्थल को केंद्र में रखकर 10 वर्ग कि.मी. क्षेत्र के कुल 22 नगर निगम वार्ड, क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित किया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 10, 2021
@spgoyal @sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/wS6P6SnRYN
सरकारी फैसले को मुताबिक मथुरा-वृंदावन नगर निगम की 10 किमी परिधि के 22 वार्डों को तीर्थस्थल घोषित करते हुए यह फैसला लिया जाना बताया गया है। धर्मार्थ कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। योगी सरकार के इस फैसले पर तमाम लोगों ने अपनी टिप्पणियां की हैं।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे इस आदेश को लेकर कहते हैं, 'मुबारक़ हो योगी जी, मथुरा में एक पवित्र स्थान के 10 km के दायरे में दारू मांस बैन हो गया है, सत्ता के साढ़े 4 साल के बाद? अब Up के हर जाति धर्म के लोगों को समाज हित मे आनंदित होना चाहिये। बेवजह विरोधी होकर कोई पेट की 900 वाली गैस ना निकाले, कोई 100 वाले डीजल-पेट्रोल को खर्च कर के अपने को न जलाये, खबरदार किसी ने अगर नौकरी मांगी तो, इत्ता बड़ा ऐतिहासिक कार्य हो गया और तुम रोटी और दवा मांग रहे हो, हिंदू हो कि नहीं, रास्ट्रवादी मुसलमान हो कि नहीं।'
उदय कुमार लिखते हैं, 'मथुरा में ही क्यों? फैजाबाद (अयोध्या) में क्यों नहीं? वाराणसी में क्यों नहीं? शराब तो बैन बिहार में भी है। जितनी चाहिए पैसा फेंक तमाशा देख। गुजरात में भी बैन है। डबल रेट दीजिए, एजेंट के द्वारा आपके गंतव्य तक पहुंच जायेगा। योगी धार्मिक अफीमचियों की रग-रग को पहचानते हैं। उन्हें मालूम है, कौन से नशे का डोज देने से अफीमची खुश हो जायेंगे। इस मानसिक विकलांग को मालूम नही कि लोग 10 क्या 20 किलोमीटर दूर तक जा सकते हैं। शराब और शबाब के लिए आदमी कहीं से कहीं जा सकता है।'
मनोज अग्रवाल लिख रहे, 'देश के टैक्स पेयर्स के पैसे से इतने-इतने नेता पल रहें हैं कि 2024 तक किसी भी एक का बयान रिपीट नहीं होगा। रोज चुटकुले जोक्स छोड़ते रहे, हिंदुस्तान की जनता जनार्दन तालियां बजाकर स्वागत अभिनन्दन करती रहेगी। सात सालों से देश चुटकुले और बंडलबाज जुमले बाजों से ही चल रहा है।'
ललित त्यागी ने लिखा, 'धार्मिक अफीमचियों समझो और संभल जाओ, कटोरा तुम्हारे बच्चों के हाथ देने की तैयारी है। नशा कम करो नीद से जाग जाओ नही तो देर हो जाएगी तब पछताओगे।' जितेंद्र सिंह चौहान लिखते हैं, 'यही सब ढपोरसंख के अलावा न कोई नीति है न नियत इन सब के पास।'