Mau News: मऊ की इस तहसील में एक कामदार तो दूसरा नामदार है SDM, DM बोले हम मान्यता प्राप्त पत्रकारों को देते हैं जवाब
(मऊ में खाली पड़ा एसडीएम सुशील कुमार का दफ्तर)
Mau News : सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के बाद लंबित पड़े तमाम मामलों को निपटाने के लिए तहसीलों में एक साथ दो एसडीएम की तैनाती का कदम उठाया था। सरकार के इस आदेश के बाद जनपद मऊ से जो तस्वीर सामने आई है, वह अपने आप में खुद सवाल है। सवाल की क्या एसडीएम सरकार से बड़ा है, यह हम नहीं तस्वीर कह रही।
दरअसल, राजस्व से संबंधित मुकदमे बड़ी संख्या में लंबित होने के कारण शासन ने जल्दी निपटारा के लिए तहसीलों में दो एसडीएम की तैनात किया है। इस आदेश के मुताबिक एक एसडीएम प्रशासन और दूसरा न्यायिक का दायित्व देखेंगे। जनपद मऊ के मधुबन तहसील में भी दो एसडीएम तैनात हैं।
बताया जाता है कि जिले की मधुबन तहसील में रामभुवन तिवारी पहले से तैनात थे। जो प्रशासन और न्यायिक दोनों काम एक साथ देख रहे थे। सरकारी आदेश पर यहां एक सप्ताह पहले एसडीएम न्यायिक के लिए सुशील कुमार की तैनाती हुई है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि रामभुवन तिवारी पूर्व की तरह एसडीएम प्रशासन व न्यायिक दोनों का कार्य कर रहें हैं।
वहीं दूसरी तरफ नए एसडीएम सुशील कुमार दिनभर खाली बैठें रहते हैं। एसडीएम सुशील कुमार से उनको कार्यभार नहीं मिलने के बारे में पूछा तो बोलें अभी मुकदमे नहीं मिलें हैं, मिलने पर अपना काम करूंगा। एसडीएम रामभुवन तिवारी के इस अड़ियल रवैये के कारण तहसील पर अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुचंने वाले लोगों को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया यह भी जा रहा कि, नए आए एसडीएम सुशील कुमार शरीफ प्रवृत्ति के अफसर हैं। रामभुवन तिवारी के अड़ियल रवैये के सामने उनकी दाल नहीं गल रही है। एक सूत्र ने जनज्वार को यहां तक बताया कि सुशील कुमार एसडीएम होकर भी मोटरसाइकिल से ड्यूटी करने आते हैं। आपको बता दें कि मधुबन तहसील में लगभग 365 गांव आते हैं।
तहसील के तमाम लोगों में कानाफूसी यह भी है कि नए एसडीएम साहब सुशील कुमार दलित बिरादरी से आते हैं, जिस कारण रामभुवन तिवारी उन्हें खास तवज्जो नहीं देते हैं। इस बारे में हमने कई बार एसडीएम सुशील कुमार से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उनका नंबर 'आउट ऑफ कवरेज एरिया' ही बताता रहा।
इस मामले में हमने जब जिले के जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल को फोन लगाकर जैसे ही सवाल किया तो डीएम साहब नाराज हो गये। उन्होने इस संवाददाता से कहा आप मान्यता प्राप्त हो? पहले अपनी मान्यता दिखाओ फिर हम जवाब देंगे। मैं सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकारों से बात करता हूँ।