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UP में हर परिवार के एक सदस्य को मिलेगा रोजगार, जानिए इस दावे में कितनी है सच्चाई

Janjwar Desk
22 May 2022 5:00 AM GMT
Top 10 News : मदरसों के बाद वक्फ संपत्तियों का भी होगा सर्वे, साइबर हमलों में भारतीयय स्वास्थ्य सेवा उद्योग दुनिया में नंबर दो पर, पढ़ें अहम खबरें
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वर्तमान में यूपी ( UP ) में बेरोजगारी की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति में है। यहां तक कि योगी राज में बेरोजगारी की समस्या अखिलेश यादव के कार्यकाल से भी ज्यादा खराब है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh )में योगी सरकार ( Yogi Government ) भले ही पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में प्रदेश में बेरोजगारी ( Unemployment ) की समस्या कम होने का दावा करती है लेकिन आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। ताजा आंकड़ों से साफ है कि यूपी ( UP News ) में बेरोजगारी की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति में है। यहां तक कि योगी राज में बेरोजगारी की समस्या अखिलेश यादव के कार्यकाल से भी ज्यादा खराब है।

रोजगार देने के लिए सरकार बनाएगी परिवार कार्ड

इससे पार पाने के लिए योगी सरकार ने अब एक संकल्प पत्र जारी कर एक परिवार एक रोजगार के वादे को पूरा करने के लिए परिवार कार्ड बनावाने का दावा किया है। योगी सरकार ( Yogi Government ) के ताजा दावों के मुताबिक योगी सरकार प्रदेश भर के लोगों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति के सटीक आकलन के लिए परिवार कार्ड बनाने जा रही है। यह कार्ड आधार से लिंक होगा। एक परिवार को कम से कम एक रोजगार की दिशा में यह कार्ड बड़ा कदम साबित होगा। परिवार कार्ड बनने तक राशन कार्ड को ही आधार माना जाएगा।

चुनाव से पहले भाजपा ने किया था ये दावा

भाजपा के संकल्प पत्र में अगले 5 वर्षों में एक परिवार को कम से कम एक रोजगार ( Employment ) देने का संकल्प लिया गया था। इस पर योगी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। सरकार विभिन्न योजनाओं और रिक्त पदों पर भर्ती करके इसे पूरा करने में जुटी हुई है। परिवार कार्ड में परिवार के बारे में सभी जानकारियां दर्ज होंगी। परिवार में कितने सदस्य हैं, उनकी उम्र कितनी है, कौन-कौन नौकरी करता है या रोजगार से जुड़ा हुआ है, यह सभी जानकारियां दर्ज होंगी। परिवार कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा।

विधानसभा चुनाव के दौरान योगी सरकार ने दावा किया था कि उसने अपने 2017 से 2022 के कार्यकाल के दौरान 2.88 लाख जॉब देने का दावा किया था। इनमें सरकारी नौकरी 4.5 लाख, संविदा आधारित जॉब 3.5 लाख, स्व रोजगार पर आधारित जॉब्स 1.6 करोड़ और एमएसएमई पर आधारित जॉब्स 1.2 करोड़ शामिल हैं।

फैक्ट चेक : रोजगार के मामले में यूपी बेहाल

वहीं गैर-सरकारी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ( CMIE ) के ताजा सर्वे के मुताबिक यूपी में ऐसे लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है, जो कि काम करने के इच्छुक हैं, लेकिन नौकरी खोजना बंद कर चुके हैं। ऐसे लोग 29.72 लाख हैं। ये यूपी के कुल बेरोजगार यानी 28.41 लाख से भी ज्यादा है। सीएमआईई के सर्वे के मुताबिक यूपी में 28.41 लाख लोग बेरोजगार ( Unemployment ) हैं। इनमें 19.34 लाख युवा 20 से 24 साल के हैं। यही डेटा चार साल पहले यानी दिसंबर 2017 में 23.96 लाख का था। इनमें 13.79 लाख बेरोजगार 20 से 24 साल के हैं। सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाले फैक्ट भी सामने आए हैं। यूपी में नौकरी की तलाश से थक चुके युवाओं की संख्या दिसंबर 2017 में 9.93 लाख थी। यह चार साल में बढ़कर 29.72 लाख तक पहुंच चुकी है।

बेरोजगारी ( Unemployment ) मोर्चे पर योगी सरकार ( Yogi Government ) दावा चाहे कुछ भी कर ले उसकी स्थिति बेहद नाजुक है। उसे इस दिशा में तेजी से और सार्थक कदम उठाने की जरूरत है। ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।


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