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ग्राउंड रिपोर्ट

Janjwar Impact: शादी में दलित की हत्या मामले में चंद्रशेखर आजाद पहुंचे चम्पावत, पीड़ितों को दिलाई मदद

Janjwar Desk
17 Dec 2021 4:03 AM GMT
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मृतक की पत्नी को ढ़ांढ़स बंधाते रावण (image/janjwar)

चंद्रशेखर आजाद के दबाव और एसएसटी एक्ट के बाद पीड़िता के परिवार को 4 लाख 12 हजार रूपयों की मदद प्राप्त हुई है। साथ ही समाज के लोगों ने भी पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की...

चंपावत से किशोर कुमार की रिपोर्ट

Champawat News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चंपावत में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया था, जिसमें एक शादी में खाना खाते समय दलित की पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटनाक्रम को जनज्वार ने प्रमुखता से उठाया था। मामले को संज्ञान में लेकर कल भीम आर्मी प्रमुख (Chandrashekhar Ravan) चंद्रशेखर आजाद रावण चंपावत पहुँचे। यहां उन्होने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

सवर्णों द्वारा खाना खाते समय दलित की पीटकर हत्या मामले में जनज्वार की खबर के बाद पहुँचे भीम आर्मी चीफ की मदद से एफआईआर (FIR) दर्ज की गई। चंद्रशेखर रावण के दबाव और एसएसटी एक्ट के बाद पीड़िता के परिवार को 4 लाख 12 हजार रूपयों की मदद प्राप्त हुई है। साथ ही समाज के लोगों ने भी पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की। 16 दिसंबर को चंपावत पहुँचे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सरकार से एक करोड़ रूपये का मुआवजा देने की मांग की है।

क्या था मामला?

पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए धरने पर रावण

चंपावत की इस घटना में एक दलित को केवल इसलिए अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था क्योंकि सवर्ण समुदाय की आमंत्रित बारात में उसने अपने हाथों से खाना लेने की कोशिश की थी। बताया जाता है कि दलित समुदाय (Dalit Community) के व्यक्ति द्वारा अपने हाथ से खाना लेने से बारात में शामिल अन्य लोग इतने नाराज हुए कि उन्होंने दलित व्यक्ति की इस कदर पिटाई की कि वह अधमरा हो गया। दलित की इस हालत से सकपकाए लोग उसे लोहाघाट अस्पताल में छोड़कर भाग निकले। बाद में चिकित्‍सकों ने उसे हल्‍द्वानी के डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय रेफर कर दिया।

कौन था मृतक?

जानकारी के मुताबिक चम्पावत जिले के देवीधुरा निवासी 45 वर्षीय रमेश राम की टेलर की दुकान थी। वह देवीधुरा के पास केदारनाथ गांव में किराए पर दुकान का कमरा लेकर व्यवसाय करते थे। रमेश के पुत्र संजय ने बताया कि उसके पिता दुकान स्वामी की के घर की बारात में 28 नवंबर की सुबह पिता निमंत्रण में गए थे। शाम को जब उसने पिता के नंबर पर फोन किया तो किसी अन्य व्यक्ति ने काल रिसीव करते हुए पिता के शादी में व्यस्त होने की बात कहते हुए उनके अगले दिन आने को कहा। दूसरे दिन उसे किसी ने फोन के जरिये पिता के बेहोशी की हालत में होने की बात बताई। पता चला कि कुछ लोग उसके पिता रमेश को लोहाघाट के अस्पताल में छोड़कर चले गए। इसके बाद घायल को एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया गया था। जहां मंगलवार को रमेश ने दम तोड़ दिया था।

क्या था पत्नी का बयान?

बुधवार 1 दिसंबर देर रात रमेश की पत्नी तुलसी देवी ने पाटी थाने में तहरीर सौंपी। तुलसी के मुताबिक पति ने मरने से पहले कहा कि 'उन्हें खाना खाते समय मारा गया है। पत्नी ने आरोप लगाया कि उस शादी में सवर्णों को दलित का साथ में भोजन करना रास नहीं आया होगा। इसी के चलते अज्ञात सवर्णों ने उसके पति को टॉर्चर किया और मारा होगा। इस बाबत एसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया है। साथ ही मृतक की पत्नी की तहरीर पर पाटी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

मामले में अभी तक बारात में शामिल लोगों से अलग-अलग घटना की बाबत जानकारी जुटाई जा रही है। खाना खाने के बाद होने वाले नाच-गाने के दौरान लड़ाई-झगड़े का भी इनपुट मिल रहा है। घटना की बाबत बारीकी से हर एंगल से जांच की जा रही है। जल्द ही रमेश की मौत के जिम्मेदार लोग सींखचों के पीछे होंगे।

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