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स्वास्थ्य

सोनीपत में तैयार कफ सिरप पीने से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत, WHO की चेतावनी के बाद जांच में जुटी केंद्र सरकार

Janjwar Desk
6 Oct 2022 11:59 AM IST
सोनीपत में तैयार कफ सिरप पीने से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत, WHO की चेतावनी के बाद जांच में जुटी केंद्र सरकार
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सोनीपत में तैयार कफ सिरप पीने से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत, WHO की चेतावनी के बाद जांच में जुटी केंद्र सरकार

WHO Alert : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह भारतीय कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाए गए कफ सिरप की नियामक प्राधिकरणों के साथ मिलकर जांच कर रहा है।

WHO Alert : विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने पांच अक्टूबर को भारतीय मेडेन फार्मास्युटिकल्स कंपनी ( Indian company ) द्वारा बनाए गए चार खांसी और ठंडे सिरप ( cough syrup death ) पर एक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट जारी किया है। डब्लूएचओ के अलर्ट में कहा गया है कि इस बात की संभावना अधिक है कि गाम्बिया ( Gambia ) में 66 बच्चों की मौत भारतीय कंपनियों में बनी सर्दी-खांसी की दवाई पीने के कारण हुई है। इसके बाद केंद्र सरकार ने हरियाणा ( Haryana ) स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित चार कफ सिरप की जांच शुरू कर दी है।

कंपनी ने आरोपों का अभी तक नहीं दिया जवाब

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ ने भारत के औषधि महानियंत्रक ( DCGI ) को कफ सिरप के बारे में सतर्क कर दिया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने तुरंत मामले को हरियाणा नियामक प्राधिकरण के समक्ष उठाया और इसकी विस्तृत जांच शुरू कर दी है। कफ सिरप का निर्माण हरियाणा केसोनीपत में मेसर्स मेडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड द्वारा किया गया है। फर्म ने इन दवाइयों को केवल गाम्बिया को ही निर्यात किया था। कंपनी ने अभी तक इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है।

डब्लूएचओ की ओर से जारी अलर्ट ( WHO alert ) के मुताबिक दवा के जहरीले प्रभाव की वजह से पेट में दर्द, उल्टी आना, डायरिया, मूत्र में रुकावट, सिरदर्द, दिमाग पर प्रभाव और किडनी पर असर होने लगता है। डब्लूएचओ का कहना है कि जब तक संबंधित देश की अथॉरिटी पूरी तरह से जांच न कर ले, इन दवाओं को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से दूसरी जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं।

फिलहाल, जिन चार कफ सिरप को मौत की वजह माना जा रहा है कि प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं। खास बात ये है कि इसे तैयार करने वाली सोनीपत की कंपनी ने इन दवाइयों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को कोई गारंटी नहीं दी है।

मौत के कारणों की अभी नहीं हुई है पुष्टि

हालांकि, गांम्बिया ( Gambia ) में 66 बच्चों की मृत्यु का सटीक कारण अभी तक डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रदान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने अभी तक दवाइयों के निर्माता की पुष्टि करने वाले लेबल के विवरण और तस्वीरें साझा नहीं की हैं। ये मौतें कब हुईं, इस बारे में WHO ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।

WHO ने जताई इस बात की आशंका

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा कि गलत कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का केवल गाम्बिया में पता चला है। कंपनी इसे देशों को भी निर्यात कर सकती है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली स्थित कंपनी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

पिछले महीने गाम्बिया की सरकार ने कहा था कि वह मौतों की भी जांच कर रही थी, क्योंकि जुलाई के अंत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में तीव्र गुर्दे की चोट के मामलों में वृद्धि हुई थी। गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने अस्पतालों से एक सिरप पेरासिटामोल का उपयोग बंद करने के लिए कहा था।

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