जानिये क्या है COPD जो बन चुका है संयुक्त राज्य अमेरिका में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण और भारत में भी बढ़ रहे हैं तेजी से इसके मरीज !

जनस्वास्थ्य चिकित्सक डॉ. एके अरुण की टिप्पणी
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक ऐसी स्थिति है, जो सांस की तकलीफ को धीरे-धीरे और बिगाड़ देती है। सीओपीडी से पीड़ित कई लोगों को एम्पीसीमा या क्रोनिक ब्रोंकाइटिस भी होता है।
सीओपीडी के कारण फेफड़ों के वायुमार्गों में अत्यधिक बलगम और सूजन हो जाती है, साथ ही धीरे धीरे एल्वियोली (छोटी वायु थैलियों) का विनाश होने लगता है।इन असामान्यताओं के कारण वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं और सांस लेने में कठिनाई होने लगती है।
सीओपीडी का कारण
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, COPD अब संयुक्त राज्य अमेरिका में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है। भारत में भी सीओपीडी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसके तीन मुख्य कारण निम्नलिखित हैं :-
सिगरेट पीना, प्रदूषण और कार्यस्थल पर श्वसन उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आना।
सीओपीडी के लक्षण
पुरानी खांसी और अत्यधिक बलगम बनना सीओपीडी के मुख्य लक्षण हैं जो विशेष रूप से तब होते हैं जब आप धूम्रपान करते हैं। अतिरिक्त लक्षणों में शामिल हैं :-
बार-बार खांसी आना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, घरघराहट।
एम्फ़िसीमिया, जो सीओपीडी का एक सामान्य रूप है और जिसमें सांस लेते समय सामान्य रूप से फैलने और सिकुड़ने वाली छोटी वायु थैलियां नष्ट हो जाती हैं, जिससे फेफड़ों के अंदर और बाहर हवा का प्रवाह कठिन हो जाता है।
अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी एक आनुवंशिक दोष जो कम उम्र में वातस्फीति का कारण बन सकता है।
स्क्रीनिंग, निदान और जांच
सीओपीडी का निदान करने के लिए, आपके डॉक्टर सरल गैर-आक्रामक परीक्षण करेंगे,जिसमें निम्नलिखित जाँच शामिल हो सकते हैं:-
—छाती का एक्स-रे जिससे फेफड़ों में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
—सीटी स्कैन जो फेफड़ों की संरचना का अधिक विस्तृत दृश्य देखने की अनुमति देता है।
—रक्त परीक्षण जो रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का आकलन करते हैं।
—फुफ्फुसीय कार्य परीक्षण (पीएफटी) जो फेफड़ों के कार्य और क्षमता का आकलन करता है।
(हील इनिशिएटिव)










