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स्वास्थ्य

भीषण गर्मी में एसी से निकलकर तुरंत धूप में जाना हो सकता है जानलेवा, हीटस्ट्रोक से बचने के लिए अपनायें ये उपाय

Janjwar Desk
31 May 2024 10:54 AM GMT
भीषण गर्मी में एसी से निकलकर तुरंत धूप में जाना हो सकता है जानलेवा, हीटस्ट्रोक से बचने के लिए अपनायें ये उपाय
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एसी चलाने पर कमरे का तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस होता है। बाहर का तापमान 45 डिग्री से ज्यादा रह रहा है। ऐसे में कमरे व बाहर के तापमान में करीब 23 डिग्री सेल्सियस का अंतर होता है। ऐसी स्थिति में ठंड से अचानक बहुत गर्म स्थान पर जाने और देर तक धूप में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है....

Heatwave : देश में लगातार भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कई राज्य इसकी चपेट में आ रहे हैं और अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, मगर इस बढ़ती गर्मी में कुछ उपायों को अपनाकर हम सुरक्षित और स्वस्थ रह सकते हैं। बढ़ती गर्मियों में एसी से कोई भी बाहर नहीं निकलना चाहता है और लगातार एसी में रहने वाला शख्स किसी काम से बाहर निकलता है तो अकसर ​बीमार पड़ जाता है।

चिकित्सक कहते हैं एसी से निकलकर तुरंत धूप में नहीं जाना चाहिए। देश के कई इलाक़ों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो गया है। ऐसे में हीट स्ट्रोक का खतरा बड़ गया है। ऐसे एसी से निकलकर तुरंत लू में जाना जानलेवा भी साबित हो सकता है। लिहाजा लोग सतर्क रहें और अधिक देर तक धूप में रहने से बचें।

सामान्यतया हमारे शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहता है। मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस में मौजूद थर्मोरेगुलेटरी सेंटर शरीर का तापमान नियंत्रित करता है।

लू में रहने से शरीर में पानी-नमक की हो जाती है कमी

वातावरण का तापमान शरीर के तापमान से अधिक होने पर शरीर से पसीना निकलता है,जो इससे शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है, लेकिन अधिक देर तक लगातार लू में रहने के कारण लंबे समय तक पसीना अधिक निकलने से शरीर में नमक व पानी की कमी होने लगती है। इस वजह से शरीर का थर्मो रेगुलेटरी सेंटर शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं कर पाता।

बेहोशी और तेज बुखार भी हो सकता है! हीट स्ट्रोक होने पर बेहोशी, तेज बुखार, पसीना नहीं आने की समस्या होती है। समय पर इलाज नहीं मिलने पर यह जानलेवा हो सकता है। क्योंकि यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के खराब होने का खतरा रहता है।

एकदम से तापमान में आता है अंतर

एसी चलाने पर कमरे का तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस होता है। बाहर का तापमान 45 डिग्री से ज्यादा रह रहा है। ऐसे में कमरे व बाहर के तापमान में करीब 23 डिग्री सेल्सियस का अंतर होता है। ऐसी स्थिति में ठंड से अचानक बहुत गर्म स्थान पर जाने और देर तक धूप में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है।

लू लगने पर डिहाइड्रेशन होता है

डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा होने का खतरा रहता है। इससे मस्तिष्क की नसों में ब्लड थक्का होने से हेमोरेजिक स्ट्रोक का खतरा रहता है।

बाहर जाने से पहले करें ये काम

इससे हाइपरटेंशन के मरीजों का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है इसलिए बुजुर्ग, ब्लड प्रेशर के मरीजों को खतरा अधिक होता है। इसलिए बाहर जाने से पहले एसी को कुछ देर के लिए बंद कर देना चाहिए। कमरे का तापमान सामान्य होने के बाद बाहर निकलना चाहिए।

हीट स्ट्रोक के लक्षण

पसीना, उल्टी, दस्त, हृदय गति बढ़ना, बेहोश होना, सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों में ऐंठन।

बचाव के उपाय

धूप में अधिक देर तक न रहें। दिन में 11 बजे से दोपहर तीन बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें।बाहर निकलने पर छाता या गमछे से चेहरे को ढंककर रखें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पीते रहना चाहिए।पानी के अलावा स्वस्थ लोग शिंकजी, लस्सी व छाछ का इस्तेमाल करना चाहिए। अल्कोहल का इस्तेमाल न करें, इससे डिहाइड्रेशन बढ़ सकता है। सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।

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