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स्वास्थ्य

PM मोदी के चुनावी क्षेत्र में 12 दिनों से आमरण अनशन पर वरिष्ठ हृदय रोग चिकित्सक डॉ. ओमशंकर, डबल इंजन सरकार कर रही अनदेखी

Janjwar Desk
23 May 2024 12:49 PM GMT
PM मोदी के चुनावी क्षेत्र में 12 दिनों से आमरण अनशन पर वरिष्ठ हृदय रोग चिकित्सक डॉ. ओमशंकर, डबल इंजन सरकार कर रही अनदेखी
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कोरोना वैक्सीन और प्रोफेसर ओमशंकर के उठाये सवालों पर फंसती देखकर भाजपा इस मुद्दे से किनारा कर रही है, वाराणसी लोकसभा सीट पर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री मोदी जाने माने चिकित्सक ओमशंकर के अनशन के बाद से तीन बार संसदीय क्षेत्र में जा चुके, मगर न तो उन्होंने अनशनकारी चिकित्सक से बात की न ही उनका अनशन तुड़वाया...

लखनऊ। भाकपा (माले) ने आमरण अनशन पर बैठे बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर का समर्थन किया है। पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी में 12 दिनों से अनशन कर रहे वरिष्ठ हृदय रोग चिकित्सक के मुद्दे जनहित के हैं और सच से भाजपा सरकार के परहेज के कारण उनकी अनदेखी हो रही है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने गुरुवार 23 मई को कहा कि माले की एक टीम पार्टी का समर्थन देने के लिए अनशनकारी प्रोफेसर से मिलने जाएगी। वरिष्ठ चिकित्सक कोरोना महामारी के बाद हृदय रोगियों में बढ़ोतरी को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्डियोलॉजी विभाग के लिए ज्यादा बेड आवंटित करने की मांग के साथ चिकित्सा संस्थान में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठा रहे हैं। एम्स का दर्जा प्राप्त यह संस्थान न सिर्फ पूर्वांचल, बल्कि पड़ोसी राज्यों के हृदय रोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण चिकित्सा केंद्र है। हृदय के गंभीर मरीजों को भी बेड के अभाव में वापस होना पड़ता है, जबकि संस्थान में बनी नई बिल्डिंग में उपलब्ध अतिरिक्त बेड को प्रशासन उक्त विभाग को नहीं दे रहा है। ऐसे में अनशनकारी प्रोफेसर की मांग जनता के स्वास्थ्य के अधिकार के हित में है।

माले नेता ने कहा कि भाजपा सरकार राजनीतिक कारणों से प्रोफेसर द्वारा उठाये जा रहे जनस्वास्थ्य के मुद्दे की अनदेखी कर रही है। प्रो. ओमशंकर ने अपने चिकित्सीय अनुभव व शोध के आधार पर कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों को सामने लाया और वैक्सीन का विरोध किया। वे वैक्सीन के दुष्प्रभावों के मद्देनजर सुरक्षा उपाय करने का भी सवाल उठा रहे हैं।

अनशनकारी प्रोफेसर वैक्सीन (कोविशील्ड) के साइड इफेक्ट को लेकर वही सच्चाई सामने ला रहे हैं, जिसे इसका फॉर्मूला बनाने वाली मूल कंपनी एस्ट्राजेनेका ब्रिटेन की अदालत में स्वीकार कर चुकी है। यह बात केंद्र की भाजपा सरकार को गंवारा नहीं है, क्योंकि उसने व्यापक पैमाने पर भारत में लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगवाया। यही नहीं, इस वैक्सीन का निर्माण करने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट से इलेक्टोरल बांड के नाम पर 52 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा भी ले लिया।

अब वैक्सीन और प्रोफेसर ओमशंकर के उठाये सवालों पर फंसती देखकर भाजपा इस मुद्दे से किनारा कर रही है। वाराणसी लोकसभा सीट पर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री मोदी जाने माने चिकित्सक ओमशंकर के अनशन के बाद से तीन बार संसदीय क्षेत्र में जा चुके, मगर न तो उन्होंने अनशनकारी चिकित्सक से बात की न ही उनका अनशन तुड़वाया। जबकि प्रोफेसर अनशन पर रहते हुए वहीं मरीजों का लगातार इलाज भी कर रहे हैं। अभी इस सीट पर चुनाव बाकी है। मतदान एक जून को होना है। यह अनदेखी भाजपा को भारी पड़ेगी।

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