Snake Bite : सर्पदंश पर जान बचाने के लिए तुरंत करें ये उपाय, इन गलतियों से हो सकती है मौत, ऐसे जानें काटने वाला सांप जहरीला है या नहीं
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Snake Bite : मानसून के सीजन में सांप काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों से आए दिन ऐसी खबरें आती हैं। कई बार सांप काटने के बाद लोग तत्काल डॉक्टर के पास जाने के बजाए दूसरे चक्करों में पड़ जाते हैं। मानसून खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं। खत्म हो रहे मानसूम से पहले मौसम विभाग ने बिहार में अगले 48 घंटे तेज हवा के साथ अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान बताया है। दक्षिण बिहार में उत्तरी बिहार की तुलना में अधिक बारिश होने के आसार हैं। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में सांप का आतंक (snakebite) बढ़ गया है।
अंधविश्वास पड़ जाता है मरीज की जान पर भारी
अगर लोगों को सांप काटता है तो वो और उसके परिजन झाड़-फूंक और ओझा-गुनी के चक्कर में पड़ कर इलाज करवाने की कोशिश करते है, जिस कारण मरीज को सही इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो जाती है। कई बार सांप का जहर इतना जहरीला होता नहीं है कि उससे किसी कि मौत हो जाए लेकिन लोग अंधविश्वास में पड़कर समय गंवा देते हैं और मरीज को मौत के मुंह में धकेल देते हैं। ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। कुछ लोग इतना भी नहीं समझते हैं कि उनका यह अंधविश्वास किसी की जान पर भी भारी पड़ सकता है। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती है जहां किसी को सांप ने काट लिया और उसके परिजन इलाज के लिए झाड़फूंक करवाने लगते हैं और हालत गंभीर होने के बाद अस्पताल का रास्ता चुनते हैं लेकिन उससे पहले ही सही इलाज नहीं मिलने पर मरीज दम तोड़ चुका होता है।
ये 4 प्रजातियों के सांप होते हैं जहरीले
बता दें कि बारिश से बिलों में पानी भर जाने के कारण सांप सूखे स्थान की तलाश में खेतों से निकल कर घरों में प्रवेश करने लगे हैं। घर में हलचल के कारण बारिश से बचने के लिए शरण लिए सांप आक्रामक हो जाते हैं और वो लोगों पर आक्रमण कर देते हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सांप के 150 से ज्यादा प्रजातियां होती हैं। इसमें 4 प्रजाति के सांप ही जहरीले होते हैं, जिनके काटने से लोगों की मौत हो जाती है। बता दें कि ये 4 जहरीले सांप कोबरा, करैत, रसल्स वाइपर और शॉ स्केल्ड वाइपर हैं। इन प्रजातियों के सांप के काटने के कारण लोगों की मौत हो जाती है। इस बारे में जानकारों का कहना है कि इसमें सबसे ज्यादा घातक जहर कोबरा सांप का होता है, जिसमें समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर मरीज की तीन घंटे में मौत हो जाती है।
सर्पदंश पर ऐसे करें सांप की पहचान और जानें लक्षण
जानकारों के अनुसार भारत में मुख्य तौर पर दो तरह के सांपों के काटने की घटनाएं होती हैं। पहला करैत और दूसरा कोबरा। करैत के काटने की जगह ऐसी दिखती है कि जैसे किसी मच्छर ने काटा हो लेकिन करैत के काटने के बाद काटने वाली जगह पर सूजन आती है। जबड़े और घुटने में दर्द शुरू हो जाता है। इसका मतलब यह है कि शरीर में जहर फैलने लगा है।
वहीं, अगर कोबरा काट ले तो उस जगह पर बहुत अधिक सूजन होती है, घाव की तरह दिखने लगता है। आंखों में परेशानी और पेट में अकड़न जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इन दो सांपों को पहचानना बहुत जरूरी है। इसके अलावा धामिन और दोमुंहे सांप में जहर नहीं होता। ऐसे में आपको लक्षण पहचानना जरूरी है।
सांप के काटने पर तुरंत करें ये काम
- सांप अगर काट ले तो कोशिश करें कि सांप ने जिस जगह पर काटा है, शरीर का वह हिस्सा बिल्कुल भी ना हिले। खुद को स्थिर रखें।
- जिस जगह काटा है, उस जगह पर बीटाडीन या फिर स्क्रब सोल्यूशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो उसे हो जाने दें और बाद में इन चीजों का इस्तेमाल करें।
- सर्पदंश पर कोशिश करें कि जल्दी-से-जल्दी अस्पताल पहुंचे।
- अस्पताल में जाने से आपको यह पता चलेगा की घाव कितना गहरा है।
- साथ ही यह भी पता चल जाएगा की आपको जहर वाले सांप ने काटा है या नहीं।
- टाइट कपड़े या गहने तुरंत उतार लें
- जहां पर काटा हो उस हिस्से को हार्ट के लेवल से नीचे रखें।
- घायल को शांत रखने की कोशिश करें जिससे उसे शॉक लगने से बचाया जा सके।
- काटने के 4 घंटे के अंदर ही एंटीवेनम का इंजेक्शन लगवा लें।
- जहां काटा हो, उसे हल्के कपड़े से कवर कर लें।
सांप के काटने पर क्या नहीं करना चाहिए
- काटे हुए जगह पर टाइट कपड़े न बांधे।
- जहर को चूसकर निकालने की कोशिश न करें।
- काटे हुए जगह पर जहर निकालने के लिए कोई कट न लगाएं। इससे सेप्टिक होने के चांस बन जाते हैं।
- एल्कोहल, चाय या कॉफी बिल्कुल भी न पीएं। इससे जहर तेजी से फैल सकता है।
- किसी तरह का ठंड़ा, गर्म सिंकाई न करें। न ही कोई क्रीम लगाएं।
- दर्द के लिए एस्पीरिन न लें। इससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है।
- पंडित और ओझा के पास जाना से समय बर्बाद होता है। इन चक्करों में कतई न पड़ें
- सांप काटने पर तनाव नहीं लेना चाहिए, क्योंकि घबराहट में अक्सर लोगों की मौत हो जाती है।
- सांप के काटने के बाद किसी बाबा, ओझा, झाड़-फूंक, नीम की पत्ती को चबा कर देखना कि कड़वा लग रहा है या मीठा, यह सब बिल्कुल नहीं करना चाहिए। बता दें कि पूर्वांचल के गांवों में सांप काटने पर ज्यादातर लोग नीम की पत्ती चबाकर पता लगाते हैं कि सांप ने काटा है या नहीं, हालांकि यह बहुत गलत भावना है।
सर्पदंश से खुद को ऐसे बचाएं
- पानी निकासी के मार्गों पर बारीक जाली लगाएं।
- घरों में किसी बेला या पेड़ से लटकी हुई डाल को न रहने दें।
- तंग जगह व बिल में हाथ न डालें।
- घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें,कोई कबाड़ न होने दें।
- घरों में चूहे के बिलों को बंद करके रखें।