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जनज्वार विशेष

अजान की आवाज से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की VC की नींद हो रही थी हराम, इसलिए IG ने लगाया लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध

Janjwar Desk
19 March 2021 8:04 AM GMT
अजान की आवाज से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की VC की नींद हो रही थी हराम, इसलिए  IG ने लगाया लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध
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प्रयागराज, जनज्वार। प्रयागराज के पुलिस महानिरीक्षक ने जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई थी और मस्जिदों में अल सुबह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके बाद ही आईजी ने यह कदम उठाया है। सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले लाउडस्पीकर का उपयोग भी इस प्रतिबंध के घेरे में आएंगे।

प्रयागराज रेंज के अंतर्गत आने वाले 4 जिलों के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को लिखे पत्र में आईजी पी.पी. सिंह ने कहा है कि अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों को लागू करना चाहिए। यह पत्र जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस प्रमुखों को निर्देश देता है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाए।

प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में कहा था कि लाउडस्पीकर पर बोली जाने वाली 'अजान' के कारण वह 'हर दिन अपने समय से पहले जागने के लिए मजबूर' हैं। इसके कारण उनके सिर में दर्द होता है और उससे उनका काम प्रभावित होता है। संगीता श्रीवास्तव ने अपनी यह शिकायत 3 मार्च को जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी को भेजी थी।

गौरतलब है कि जनवरी 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला दिया था कि कोई भी धर्म पूजा-अर्चना के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की वकालत नहीं करता है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के उस प्रशासनिक आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था।

प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने अपने पत्र में अदालत के इस आदेश का हवाला भी दिया था।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वीसी प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। इस पत्र के जरिए उन्होंने मस्जिद की अजान के समय आने वाली आवाज से होने वाली परेशानी जाहिर की थी। उन्होंने पत्र में लिखा, 'पुरानी कहावत है, आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म होती है जहां मेरी नाक शुरू होती है। यह कहावत मेरे मामले में सटीक बैठती है। मैं किसी धर्म, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हूं। वे अजान बिना लाउडस्पीकर के भी कर सकते हैं ताकि दूसरे लोग परेशान न हों।दूसरों की दिनचर्या प्रभावित न हो।'

प्रोफेसर ने पत्र में आगे लिखा, 'यहां तक कि ईद से पहले वह सहरी ऐलान करने लगेंगे। वह सुबह चार बजे होती है। इस तरह की चीजें लोगों को डिस्टर्ब करती हैं। भारत का संविधान हर समुदाय के लिए सांप्रदायिक और शांतिपूर्ण रहने का प्रावधान करता है।' वीसी ने डीएम को इलाहाबाद में दायर की गई पीआईएल नंबर-570 ऑफिस 2020 के आदेश का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि डीएम की त्वरित कार्रवाई की बड़े स्तर पर सराहना होगी। इस तेज आवाज से प्रभावित लोगों को शांति मिलेगी।

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