पुलिस पेपरलीक प्रकरण की हाईकोर्ट के निर्देशन में उच्च स्तरीय जांच की उठी मांग, सोशल मीडिया पर छाया मसला
Lucknow news : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पुलिस भर्ती पेपरलीक और धांधली प्रकरण छाया हुआ है। अभी तक एक्स प्लेटफार्म पर 4 मिलियन से ज्यादा इस मसले पर पोस्ट हो चुके हैं।
पेपरलीक और धांधली के मामले की गंभीरता को देखते हुए युवा मंच ने हाईकोर्ट के निर्देशन में समयबद्ध उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, जिससे लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षा माफियाओं समेत इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो सके। इसी के साथ अभ्यर्थियों को न्याय मिलने की उम्मीद भी बंधेगी।
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इस संबंध में युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने मुख्यमंत्री के एक्स हैंडल पर पोस्ट कर अभ्यर्थियों के पेपरलीक व धांधली के आरोपों को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। अभ्यर्थियों ने 17 व 18 फरवरी के द्वितीय पाली में परीक्षा पहले से सॉल्वड पेपर के लीक होने व इसके सोशल मीडिया में वायरल होने का आरोप लगाया है।
उधर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और प्रदेश में 6 लाख व देश में एक करोड़ रिक्त पदों को तत्काल भरने, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता जैसे सवालों को लेकर युवा मंच के बैनर तले प्रदेशव्यापी मुहिम जारी रही।
पेपरलीक मसले पर योगी सरकार को घेरते हुए राहुल गांधी कहते हैं, 'वर्षों के इंतज़ार के बाद यूपी में एक अदद भर्ती निकली और उस परीक्षा का पेपर भी लीक होने की खबर आ रही है! इस परीक्षा के लिए 60 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन दिया था। अकेले यूपी में एक दर्जन से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके है, जिससे करोड़ों की संख्या में युवाओं का सपना टूटा है। जो मां-बाप पेट काटकर अपने बच्चों को प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भेजते हैं, ऐसी घटनाएं उन्हें भी तोड़ देती हैं। सरकार की इस आपराधिक लापरवाही की कीमत लाखों छात्र अपना करियर तबाह कर चुका रहे हैं। डबल इंजन सरकार युवाओं के सपनों पर डबल मार है।'
इस मसले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं, "लगभग 60 लाख नौजवानों ने परीक्षा लिखी है और जो खबरें मिल रही है कि पेपर लीक हुआ है, मान लीजिए उसमें 1 लाख बच्चे 100 परसेंट नंबर पा गए तो क्या सरकार उनको नौकरी देगी?"
वहीं आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं, 'चुनाव से पूर्व किसी बड़ी भर्ती की घोषणा और फिर कई कारणों से भर्ती का अटक जाना, भाजपा की सरकारों का युवाओं का भरमाने का प्रयास होता हैं। एक बार फिर चुनाव (लोकसभा) से पूर्व जिसे सबसे बड़ी भर्ती बताकर प्रचारित किया गया उसी पुलिस भर्ती का पेपर लीक हो गया! जो सरकार एक पेपर की सुरक्षा नहीं कर पा रही वह प्रदेश की समस्त जनता की सुरक्षा कैसे कर पाएगी, पेपर लीक होना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर एक बड़ा सवाल।'