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इंटरार्क मजदूर संगठन के धरने का एक साल : 15 अगस्त पर निकाली विशाल तिरंगा यात्रा, मजदूर नेताओं ने कहा कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहा प्रबंधन

Janjwar Desk
16 Aug 2022 3:27 PM IST
इंटरार्क मजदूर संगठन के धरने का एक साल : 15 अगस्त पर निकाली विशाल तिरंगा यात्रा, मजदूर नेताओं ने कहा कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहा प्रबंधन
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इंटरार्क मजदूर संगठन के धरने का एक साल, 15 अगस्त पर निकाली विशाल तिरंगा यात्रा

Rudrapur news : इंटरार्क मजदूर संगठन के लोग अपने अधिकार और अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले 1 साल से कंपनी गेट पर धरनारत हैं और शासन-प्रशासन मौन है...

Rudrapur news : पिछले सालभर से यानी 16 अगस्त 2021 से इंटरार्क मजदूर संगठन अपनी मांगों और अधिकार के लिए कंपनी गेट पर धरना दे रहा है, मगर कोई भी इनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा। धरने के एक साल पर मजदूर संगठन विशाल तिरंगा यात्रा निकाली। जब धरनारत मजदूरों ने झंडारोहण किया तो उस दौरान भी इंटरार्क प्रबंधन तुच्छता पर उतर आया और पीने के पानी की सप्लाई बंद दी।

गौरतलब है कि 16 अगस्त 2021 से इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर व इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के मजदूरों द्वारा कंपनी परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। कंपनी प्रबंधक द्वारा किए जा रहे मजदूरों के शोषण एवं उत्पीड़न के विरोध में मजदूरों ने यह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था, जो कि आज भी अनवरत जारी है।

16 अगस्त 2021 से लेकर अब तक एक साल हो चुका है। इस दौरान कई उतार.चढ़ाव आए। प्रबंधकों द्वारा लगातार किच्छा एवं पंतनगर के मजदूरों को एवं उनके द्वारा चलाए जा रहे व्यापक आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। मजदूरों का मुंह बंद करने की कोशिश की तमाम गैर कानूनी तरीके अपनाए, लेकिन मजदूरों ने हार नहीं मानी और अपने जुझारू संघर्ष को तमाम सहयोगी संगठनों के सहयोग से निरंतर आगे की ओर बढ़ाया।

मजदरू नेता कहते हैं इंटरार्क कंपनी प्रबंधकों द्वारा गैरकानूनी तालाबंदी कर देने के बाद भी हमारे हौसले बुलंद रहे और मजदूर बहादुरी से संघर्ष के मैदान में डटे रहे। लगभग 4 महीने तक चले भीषण संघर्ष के बाद कंपनी प्रबंधक को अपनी हठधर्मिता का त्याग करते हुए तालाबंदी खोलने पर मजबूर होना पड़ा, परंतु प्रबंधक की कुटिल नीति एवं नियत उसके बाद भी जारी रही तालाबंदी खोलने का दिखावा करने वाले प्रबंधक ने अपने बौखलाहट एवं झुंझलाहट तथा अपने ही मजदूरों से द्वेष की भावना दिखाते हुए गैर कानूनी कृत्य एवं षड्यंत्र का अंबार लगा दिया।

तालाबंदी खोलने के बाद जैसे ही मजदूरों ने कंपनी परिसर के भीतर प्रवेश किया प्रबंधकों द्वारा मीटिंग के दौरान कहा गया कि जो हम कहें वही करो, वरना फिर से तालाबंदी कर दी जाएगी और मजदूरों के ऊपर दबाव बनाना शुरू कर दिया। यूनियन तोड़ने की साजिश लगातार जारी रखी। इसमें कामयाब न होने पर संरक्षित कर्मकार एवं पदाधिकारियों को झूठा आरोप लगाकर निलंबित करना शुरू कर दिया, जिसमें अब तक किच्छा व पंतनगर मिलाकर लगभग 70 श्रमिकों का निलंबित किया जा चुका है। उच्च प्रबंधक जोकि दिल्ली से आए थे, उनका कहना था कि फैक्ट्री में यूनियन कैंसर की तरह होती हैं,, जिसे काटकर फेंक देना ही सबसे सही तरीका है।

मजदूर नेता बताते हैं, कंपनी प्रबंधन ने ऐलान किया था कि पदाधिकारियों समेत अपने हक की आवाज बुलंद करने वाले एवं सवालों का जवाब देने वाले 50 से 60 लोगों को एक झटके में बाहर किया जाएगा, उसके बाद धीरे.धीरे करके अन्य श्रमिकों को भी झूठे आरोप लगाकर बाहर किया जाने लगा। इस दौरान जिला प्रशासन-शासन व श्रम विभाग समेत पूरी सत्ता कंपनी मालिक के पक्ष में खड़ी रही। मजदूरों का दमन कर अनगिनत झूठे मुकदमे मजदूरों व उनके सहयोगियों पर लाद दिये गये। फिर भी मजदूर विचलित नहीं हुए।

15 अगस्त 2022 को इंटरार्क मजदूरों ने श्रमिक संयुक्त मोर्चा एवं संयुक्त किसान मोर्चा और विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर से रूद्रपुर होते हुए किच्छा शहर तक एवं किच्छा से पुनः रुद्रपुर शहर तक सैकड़ों की संख्या में विशाल बाइक तिरंगा यात्रा निकाली। कार्यक्रम के अंत में गांधी पार्क रूद्रपुर में संकल्प सभा की।


इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज एक तरफ पूरा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है, जिन मजदूरों मेहनतकशों के वीर सपूतों ने अपनी जान पर खेलकर इस देश को आजादी दिलाई, उन्हें नमन कर रहा है किंतु आज उसी देश में मजदूर और गरीबों के ऊपर शोषण व उत्पीड़न चरम पर है। आज भी भगतसिंह के समाजवादी भारत का सपना अधूरा है। आज मजदूरों, किसानों, छात्रों, महिलाओं की सुनने वाला कोई नहीं है, हर तरफ पूंजीपतियों का ही बोलबाला है, उन्हीं की ही सुनी जाती है।

वक्ताओं ने कहा मजदूरों, किसानों और आम जनता के खिलाफ काले कानूनों को बनाकर उनके शोषण को घनीभूत करने और उन्हें अधिकार विहीन बनाने की साजिश जोरों पर की जा रही है। हिंदू मुसलमान के नाम पर आम जनता को आपस में लड़वाकर ऊधमसिंह व भगतसिंह की विरासत को कमजोर कर देश की एकता को खंडित करने की साजिश रची जा है, जिसके खिलाफ सबको ऊधमसिंह की ही तरह राम मुहम्मद सिंह आजाद बनकर लड़ना होगा। भगतसिंह के समाजवादी भारत को साकार करने को संगठित होकर संघर्ष करना होगा। इंटरार्क प्रबंधन के ऊपर कोई कानून लागू नहीं होता है, मगर मजदूरों के ऊपर जो अपने अधिकारों की आवाज उठाते हैं तो उनको दबाने और डराने का काम किया जाता है, उन पर झूठे मुकदमे लादकर उनका दमन किया जाता है। मजदूर नेताओं ने प्रबंधन को चेताया कि गरीब मजदूर अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे, डरने वाले नहीं, ये इंटरार्क प्रबंधन को समझ लेना चाहिए।

बकौल मजदूर नेता, श्रम अधिकारी के पास रुद्रपुर एवं हल्द्वानी में जब यह शिकायत की गई तो उनके द्वारा प्रबंधक पक्ष से सवाल किए गये कि कौन से कानून कि कौन सी धाराओं के अंतर्गत आप ऐसे कृत्यों को लगातार करते जा रहे हो, जिसका जवाब प्रबंधक के पास नहीं था। अतः कानून के ढीलेपन का फायदा उठाते हुए प्रबंधक लगातार मनमर्जी करते हुए मजदूरों का शोषण एवं अत्याचार की पराकाष्ठा को पार करने की कोशिश में लगा हुआ है। कभी किच्छा फैक्ट्री से उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर मशीनें निकालता है और मजदूरों द्वारा विरोध करने पर मनमर्जी करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया जा रहा है।

पंतनगर में झूठे एवं आधारहीन मनगढ़ंत आरोप लगाकर मजदूरों एवं मजदूर को गैर कानूनी रूप से निलंबित कर दिया जा रहा है। शासन प्रशासन एवं श्रम अधिकारियों का कहना है कि प्रबंधक नियम कानून को ताक पर रखकर श्रमिकों के साथ मनमर्जी व्यवहार कर रहा है, जो कि उनके लिए भी सिरदर्द साबित हो रहा है। जिला प्रशासन एवं उत्तराखंड सरकार को कड़ा रुख अपनाते हुए कंपनी प्रबंधक के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत बनती है, जिससे कि न्याय व्यवस्था एवं औद्योगिक शांति का माहौल पुनः स्थापित किया जा सके।

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि बलविंदर सिंह मान जी एवं तेजेंद्र सिंह विर्क जी ने कहा कि इंटरार्क के मजदूरों ने किसान आंदोलन के दौरान अपना योगदान दिया, जिसके फलस्वरूप आज मजदूर किसान एकता के बल पर ही किसान इस आंदोलन से तन मन धन से जुड़े हैं और इसे जीत की मंजिल पर पहुंचाकर ही दम लेंगे।जो भी कार्रवाई कंपनी प्रबंधक मजदूरों के शोषण व उत्पीड़न के लिए कर रहा है, वह निराधार एवं पूर्ण रूप से गैर कानूनी है, अतः हम अपने हक एवं अधिकारों की लड़ाई को अपने संघर्ष के माध्यम से जारी रखेंगे। जब तक हमें हमारे हक एवं अधिकार ससम्मान वापस नहीं मिलते हैं, तब तक हम संघर्ष को आगे बढ़ाते रहेंगे और प्रबंधक को उसके हर कार्यवाही का मुंह तोड़ जवाब देते रहेंगे। इस सभा में सैकड़ों मजदूर एवं किसान व सामाजिक संगठन लोग उपस्थित रहे।

सभा को इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह और इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मुहम्मद, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह एसामाजिक कार्यकर्ता सुब्रत कुमार विश्वास, भारतीय किसान यूनियन के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रभारी बलजिंदर सिंह मान, तराई किसान संगठन के तजिंदर सिंह विर्क, इंकलाबी मजदूर केंद्र कैलाश भट्ट, श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, यजाकि वर्कर्स यूनियन के महामंत्री रविन्द्र कुमार, गुजरात अम्बुजा कर्मकार यूनियन के साथी रामजीत सिंह, शिरडी श्रमिक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष रामगोपाल, बजाज मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष चंदन मेवाड़ी, माइक्रोमैक्स के ठाकुर सिंह आदि ने सम्बोधित किया।

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