Job News : 83% भारतीय छात्र मानते हैं कि विदेशी डिग्री से बढ़ेगी बेहतर नौकरी मिलने की संभावना, अध्ययन में खुलासा
Job News : 83% भारतीय छात्र मानते हैं कि विदेशी डिग्री से बढ़ेगी बेहतर नौकरी मिलने की संभावना, अध्यन में खुलासा
Job News : पढ़ाई के बाद डिग्री हासिल करने के बाद युवा अच्छी नौकररी की तलाश में होते है या अच्छी नौकरी पाने के लिए बेहतर पढ़ाई और डिग्री हासिल करते हैं। बता दें कि एक अध्यन में यह बात सामने आई है कि लगभग 83 प्रतिशत भारतीय छात्रों का मानना है कि विदेश से डिग्री हासिल करने के बाद बेहतर नौकरी हासिल करने की उनकी संभावनाएं बढ़ेंगी।
भारतीय आबादी में विदेशी शिक्षा लोकप्रिय
'द लीप-इप्सोस स्ट्रैटेजी स्टडी अब्रॉड आउटलुक रिपोर्ट' मंगलवार को पेश की गई, जिसमें कहा गया है कि तीन लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय वाले भारतीय मध्यम वर्गीय परिवारों में से 57 प्रतिशत का झुकाव विदेशी शिक्षा पर खर्च करने की ओर है। बता दें कि यह रिपोर्ट इस बात की जानकारी देती है कि भारतीय आबादी के इस सबसे बड़े वर्ग में विदेशी शिक्षा कैसे लोकप्रिय हो रही है।
भारतीय छात्र विदेशी शिक्षा पर खर्च करेंगे रुपए
लीप के सह-संस्थापक वैभव सिंह का कहना है कि 'छात्र समुदाय की बढ़ती आकांक्षाओं के कारण, भारतीय विदेशी शिक्षा बाजार के कई गुना बढ़ने की उम्मीद है और 2025 तक 20 लाख से अधिक भारतीय छात्र अपनी विदेशी शिक्षा पर 100 अरब डालर से अधिक खर्च करेंगे। यह एक बहुत बड़ा अवसर है और इस क्षेत्र में नवीन उत्पादों और सेवाओं की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी।'
विदेशी डिग्री लेने के बाद नौकरी की संभावनाए बढ़ेगी
रिपोर्ट के अनुसार 83 फीसदी भारतीय छात्रों का मानना है कि विदेश में डिग्री हासिल करने के बाद बेहतर नौकरी हासिल करने की उनकी संभावनाएं बढ़ जाएंगी। बयान में कहा गया है कि वैश्विक सम्पर्क के चलते 42 प्रतिशत भारतीय छात्रों के लिए उन देशों के गंतव्य खुले हुए हैं, जिनकी पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'यह दर्शाता है कि भारतीय छात्र अपनी पसंद का विस्तार कर रहे हैं और एक विदेशी शिक्षा गंतव्य की अपनी प्राथमिकताओं में उनका रुख लचीला हो रहा है।'
शिक्षा ऋण लेने में भी बढ़ा छात्रों का भरोसा
बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया है कि अभ्यर्थी शिक्षा ऋण लेने के प्रति अधिक भरोसा दिखा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 62 प्रतिशत से अधिक भारतीय शिक्षा ऋण पसंद करते हैं, जबकि 53 प्रतिशत छात्रवृत्ति का प्रयास करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अध्ययन में शामिल अभ्यर्थियों में लगभग 60 प्रतिशत पुरुष थे जबकि 39 प्रतिशत महिलाएं थीं। दो प्रतिशत अपने लिंग का उल्लेख नहीं करना चाहते थे। दो-तिहाई अभ्यर्थी 18-24 वर्ष की आयु के थे जबकि लगभग 34 प्रतिशत 25-30 वर्ष की आयु के थे।