लौट आओ पापा..मुझे दुल्हन नहीं बनाओगे? बेटी को राजकुमारी की तरह विदा करने का ख्वाब मन में दबाकर चला गया किसान पिता
Jhansi News: यूपी के झांसी स्थित थाना पूंछ में किसान ने बेटी की शादी की चिंता में फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक किसान का कहना था कि...इस बार फसल अच्छी होगी तो बिटिया को राजकुमारी की तरह विदा करूंगा। लेकिन उपर वाले को कुछ और ही मंजूर था, बारिश की वजह से तिल और मूंगफली की फसल नष्ट हो गई, जिसके बाद बेटी की डोली का सपना मन में सजाए पिता ने आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक, थाना पूंछ के रहने वाले 41 वर्षीय दयाशंकर खेती-किसानी कर परिवार पालते थे। उनके पास तीन बीघा खेती थी। जिसमें उन्होने एक बीघा में तिल और दो बीघा जमीन पर मूंगफली बोई थी। दयाशंकर के तीन बच्चे हैं, जिनमें 20 साल की शिवानी, 15 वर्ष का शिवा और 12 साल का छोटू है।
किसान दयाशंकर इस साल अपनी बेटी शिवानी के हाथ पीले करना चाहता था। उसने लड़का भी देख लिया था। परिजनों के मुताबिक घर में थोड़ा भी पैसा जुटता तो पिता शादी के लिए कोई ना कोई सामान खरीदकर ले आते थे। पिता दयाशंकर बिटिया को दुलराते हुए कहते..'देखना पूरा गांव देखेगा। अपनी शिवानी को राजकुमारी की तरह विदा करूंगा। इसकी शादी में कोई कमी नहीं रहेगी, पूरे गांव को न्योता दूंगा।'
फसल खराब होने से टूटी उम्मीदें
मृतक किसान दयाशंकर घरवालों से कहता था कि उसकी तिल और मूंगफली की फसल इस बार अच्छी होगी। फसल बेचकर बिटिया की शादी धूमधाम से हो जाएगी। इसके साथ ही वह दोनो बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंता में था। लेकिन बारिश की वजह से तिल और मूंगफली की फसल खराब हुई तो दयाशंकर उसे बर्दास्त नहीं कर सका।
इस तरह अवसाद में डूबते चले गये दयाशंकर
परिजन कहते हैं..जब खेतों में पानी भर गया तो दयाशंकर की आंखों से आंसू बह निकले थे। दयाशंकर के साले संतराम और बेटे शिवा ने बताया कि फसल खराब होने की वजह से घर में आर्थिक संकट की स्थिति बन गई ती। ऐसे में दयाशंकर को बेटी की शादी की चिंता सताए जा रही थी। इसके बाद दयाशंकर धीरे-धीरे मानसिक अवसाद की स्थिति में चला गया।
लौट आओ पापा...मुझे दुल्हन नहीं बनाओगे?
पिता दयाशंकर की आत्महत्या के बाद बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सौंपा तो बेटी शिवानी पिता से लिपटकर बेसुध हो गई। वह रोते हुए बस यही कहती रही...लौट आओ पापा, मुझे दुल्हन नहीं बनाओगे..मेरी शादी किए बिना तुम कैसे चले जाओगे? उधर दोनों बेटों शिवा और छोटू भी पिता की लाश पर बिलखते नजर आये।
आत्महत्या से गम में डूबा गांव
शुक्रवार की रात दयाशंकर रोज की तरह घर पर सोये थे। शनिवार की सुबह उनका शव घर के एक कमरे में फंदे से लटका मिला। नजारा देख परिजनों की चीखें निकल गईं। पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पाकर पहुँची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना से परिजनों का बुरा हाल है। तो वहीं किसान की आत्महत्या से पूरा गांव दुख में डूबा हुआ है।