Jharkhand Ration Scam: झारखंड में 33 आदिम जनजाति कोरवा परिवारों को मरा हुआ बताकर 15 महीने से हो रहा राशन घोटाला
झारखंड में 33 आदिम जनजाति कोरवा परिवारों को मरा हुआ बताकर 15 महीने से हो रहा राशन घोटाला
विशद कुमार की रिपोर्ट
Ration Scam Garhwa Jharkhand। भले ही आम जनता की हित के लिए सैकड़ों योजनाएं बन जाए, जब तक संबंधित विभागों के पदाधिकारियों व कर्मचारियों में अपने कर्तव्य और अपने काम के प्रति ईमानदारी का बोध नहीं होगा, तब तक शायद ही इन योजनाओं का लाभ जनता को मिल पाएगा। आए दिन इन विभागों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है, कार्रवाई भी होती है, बावजूद भ्रष्टाचार थमने नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों झारखण्ड के गढवा जिले ऐसे कई मामलों का खुलासा हुआ है, मगर भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
गढवा जिले के बड़गड़ प्रखण्ड के टेहरी पंचायत का हेसातु और कोरवाडीह गांव के 33 आदिम जनजाति कोरवा परिवारों को मरा हुआ बताकर पिछले साल नवम्बर 2020 से जनवरी 2022 तक यानी कुल 15 महीने का कुल राशन 17,325 किलोग्राम का घोटाला किया गया। इनमें चीनी 495 किलोग्राम, नमक 495 किलोग्राम और 495 लीटर किरासन तेल नहीं दिया गया है। ताज्जुब की बात है कि जिनको मरा हुआ बताया गया वे सभी परिवार जीवित हैं, सभी परिवारों के पास अन्त्योदय कार्ड है और सभी के राशन कार्ड में वर्ष 2020 का अक्टूबर माह तक का राशन दर्ज है।
राशन कार्ड के लाभार्थियों को राशन कार्ड न मिलने के बाद उन्होंने जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी सह समाहरता गढ़वा को एक शिकायत दर्ज कर कहा है 'ग्राम हेसातु, पंचायत टेहरी, प्रखण्ड बड़गड़ के 33 आदिम जनजाति पररवारों को पिछले 15 माह से AAY कार्ड रहते हुए भी मृत बताकर राशन बंद कर दिया गया है। इनमें हेसातु के 25 परिवार और कोरवाडीह के 8 परिवार शामिल हैं, जिनका कुल राशन 17,325 किलो है। इसमें कुल किरासन तेल- 495 लीटर, कुल नगक-495 किलो, कुल चीनी 495 किलो पिछले वर्ष 2020 के नवम्बर माह से लेकर जनवरी 2022 तक 15 माह तक इन सभी लोगों से वंचित रखा गया है, जबकि सभी लाभार्थियों के पास अन्त्योदय कार्ड है।
जिनको मरा हुआ बताकर राशन बंद कर दिया गया है उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 का पालन करते हुए हम सभी 33 आदिम जनजातीय परिवारों को मुआवजा के साथ राशन सुनिश्चित करते हुए दोषी अधिकारियों पर कानून का उल्लंन करने के लिए कार्रवाई की जाए।
जिन 33 राशन कार्ड लाभार्थियों को पिछले 15 महीने से राशन नहीं मिला, उनकी सूची नाम व कार्ड नीचे नंबर सहित दिये गये हैं-
गौरतलब है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पीयूसीएल बनाम भारत सरकार, याचिका संख्या 196/2001 के मामले में 2 मई 2003 के आदेश में सरकार को यह निर्देश जारी किया है कि सभी आदिम जनजातीय परिवारों को अन्त्योदय अन्न योजना में शामिल करें।