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मिर्जापुर के कोटवा पांडे गांव में 7 दशक से रहने वाले 300 गरीब परिवारों के आशियाने पर चला योगी का बुल्डोजर

Janjwar Desk
6 Jun 2023 4:57 PM GMT
मिर्जापुर के कोटवा पांडे गांव में 7 दशक से रहने वाले 300 गरीब परिवारों के आशियाने पर चला योगी का बुल्डोजर
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मिर्जापुर के कोटवा पांडे गांव में 7 दशक से रहने वाले 300 गरीब परिवारों के आशियाने पर चला योगी का बुल्डोजर

मुख्यमंत्री योगी का बयान की गरीबों को परेशान न किया जाए, उनके घरों पर बुलडोजर न चले -सिर्फ ढकोसला है। हकीकत यह है कि योगी का बुलडोजर अब गरीबों पर ही चल रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब बड़े पैमाने पर उजाड़े जा रहे हैं, मिर्जापुर की घटना ताजा प्रमाण है...

लखनऊ। मिर्जापुर जिले में सदर तहसील अंतर्गत कोटवा पांडे गांव में करीब सात दशकों से रह रहे 300 गरीब परिवारों के आशियाने पर बिना वैकल्पिक पुनर्वास की व्यवस्था किये बुलडोजर चलाकर घरों को जमींदोज किया गया है, जिसकी भाकपा (माले) ने कड़ी निंदा की। पार्टी ने प्रशासन की इस निर्मम कार्रवाई का मौके पर विरोध करने वाले राज्य समिति के नेताओं-कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की सख्त आलोचना की है और 8 जून को राज्यव्यापी प्रतिवाद में भाग लेने की घोषणा की है।

माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी का बुलडोजर राज चल रहा है, जो गरीबों को निशाना बना रहा है। मिर्जापुर में पटेहरा ब्लाक अंतर्गत उक्त गांव में रह रहे दलित, आदिवासी, पिछड़े समेत अन्य समुदायों के लगभग 300 घरों को मंगलवार 6 जून को भारी पुलिस बल लगाकर देखते-देखते धराशायी कर दिया गया।

एक दिन पहले ही सोमवार 5 जून को भाकपा (माले) के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन देकर प्रशासन द्वारा पुनर्वास की उचित व्यवस्था किये जाने तक न उजाड़े जाने की मांग की थी, जिस पर विचार करने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद, आनन-फानन में 24 घण्टे भी न बीते कि सब धवस्त कर दिया गया। सैंकड़ों परिवार बाल-बच्चों के साथ तपती दोपहरी से लेकर रात में खुले आसमान के नीचे आ गए। घरों का सामान भी नष्ट कर दिया गया।

सुधाकर ने कहा कि इन उजाड़े गए परिवारों में से कइयों को सिंचाई विभाग की उस जमीन का अतीत में पांच वर्षीय पट्टा भी मिला था, जिस पर वे रह रहे थे। वे भूमि कर का भुगतान भी कर रहे थे। हाल में प्रशासन ने पट्टों के नवीनीकरण से इनकार कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि दसकों से रहते आ रहे इस जमीन को वे खाली कर देंगे, बशर्ते उनके पुनर्वास की व्यवस्था प्रशासन कर दे, क्योंकि वे गरीब परिवार हैं और खुद से नहीं कर सकते। इसके बावजूद गरीबों की एक न सुनी गई।

माले राज्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी का बयान की गरीबों को परेशान न किया जाए, उनके घरों पर बुलडोजर न चले - सिर्फ ढकोसला है। हकीकत यह है कि योगी का बुलडोजर अब गरीबों पर ही चल रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब बड़े पैमाने पर उजाड़े जा रहे हैं। मिर्जापुर की उक्त घटना ताजा प्रमाण है। योगी सरकार का बुलडोजर बगल के जिले चंदौली में भी किसानों पर चल चुका है और लखीमपुर खीरी में 54 गांवों के किसानों को बेदखल करने की प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है।

राज्य सचिव ने कहा कि मिर्जापुर प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई का मौके पर शांतिपूर्ण प्रतिवाद करने पर भाकपा (माले) के जिला सचिव रामप्यारे राम, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) की राष्ट्रीय पार्षद व माले राज्य समिति की सदस्य जीरा भारती व पार्टी कार्यकर्ता राममूर्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ हाथापाई और अभद्रता की गई।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि खेग्रामस के मानद राष्ट्रीय अध्यक्ष व पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य श्रीराम चौधरी और खेग्रामस राष्ट्रीय सचिव अनिल पासवान बुधवार को मिर्जापुर में घटनास्थल का दौरा करेंगे, बेघर हुए परिवारों और गिरफ्तार नेताओं से मिलेंगे।

राज्य सचिव ने कहा कि पार्टी ने विंध्याचल मंडल के मंडलायुक्त और मिर्जापुर के जिलाधिकारी को घटना पर प्रतिवाद पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) गुरुवार (8 जून) को मिर्जापुर की घटना को लेकर 'उत्तर प्रदेश में बुलडोजर राज' के खिलाफ खेग्रामस द्वारा मनाये जाने वाले राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस में शामिल होगी।

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