निरहुआ के चुनावी क्षेत्र में किसान नेता के घर देर रात पहुंची पुलिस, संदीप पांडेय ने जतायी फर्जी मुकदमे में फंसाने की आशंका
'मोबाइल छीनकर मारते-पीटते मुंह पर घूंसा मारते हुआ मेरा किडनैप, अपहरणकर्ता कह रहे थे BJP सांसद निरहुआ से बना लो तालमेल' : राजीव यादव
लखनऊ/आजमगढ़। सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय महासचिव मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर संदीप पाण्डेय ने सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव के आजमगढ़ स्थिति घिनहापुर गांव में कल 30 दिसंबर की देर रात पुलिस द्वारा पूछताछ की निंदा की। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी राजीव यादव को गैरकानूनी तरीके से एसटीएफ उठा चुकी है, इसलिए रात के अंधेरे में पुलिस का उनके घर जाना संदेह प्रतीत करता है।
संदीप पाण्डेय ने कहा कि किसान नेता राजीव यादव के गांव घिनहापुर, पोस्ट गोपालपुर, थाना मेंहनगर जनपद आजमगढ़ उनके घर 30 दिसंबर 2023 की रात ग्यारह बजे के करीब एक गाड़ी से पांच-छह की संख्या में पुलिसकर्मी जाते हैं और वहां सो रहे पूर्व प्रधान गंगा प्रसाद यादव से राजीव यादव के बारे में पूछताछ करने लगते हैं। राजीव का घर कौन सा है, कहां रहते हैं, घर कब आते हैं इस तरह के सवाल। पूछताछ के बारे में पूछने पर बताया कि कोई कागज आया है जिसके संबंध में वे आए हैं। राजीव के बड़े पिता गंगा यादव से उनके भाइयों समेत राजीव के माता, पिता, भाई, बहन के बारे पूछताछ की। राजीव का मोबाइल नंबर और उनका नंबर मांगा।
संदीप पाण्डेय ने कहा कि इसके पहले भी कई बार राजीव के घर जाकर आजीविका, संपत्ति, शादी आदि के बारे में पुलिस द्वारा पूछा गया था, जिसके बारे में आजमगढ़ जिलाधिकारी से वार्ता के दौरान भी किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सवाल किया था, जिसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला।
दिसंबर 2022 में वाराणसी से आते वक्त राजीव यादव और उनके भाई अधिवक्ता विनोद यादव को सरेराह एसटीएफ द्वारा उठा लिया गया था और फरवरी 2023 में जिलाधिकारी आजमगढ़ से वार्ता कर लौट रहे राजीव यादव और किसान नेता वीरेंद्र यादव को कंधरापुर के पास से उठाने की कोशिश हुई, पर ऐन वक्त आंदोलनकारी किसान और आम जनता के आ जाने के बाद अपहरणकर्ता भाग गए जिसको लेकर पुलिस से शिकायत की गई पर कोई एफआईआर नहीं दर्ज किया गया।
संदीप पाण्डेय ने कहा कि राज्य की जिम्मेदारी होती है कि वह लोकतांत्रिक आवाजों का संरक्षण करे, पर यहां जिस तरह से राजीव यादव को लेकर पुलिस देर रात जाकर पूछताछ कर रही है उससे प्रशासन की मंशा पर संदेह प्रतीत होता है कि कहीं वह उन्हें किसी फर्जी मुकदमे में फंसाने की साजिश तो नहीं कर रही है। पूर्व में पुलिस द्वारा गैरकानूनी तरीके से उठाने की घटनाएं उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल है।