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संस्कृति

Who is Kamlapati : गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर पीएम मोदी ने स्टेशन का उदघाटन किया

Janjwar Desk
15 Nov 2021 7:21 PM GMT
Who is Kamlapati : गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर पीएम मोदी ने स्टेशन का उदघाटन किया
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(कहा जाता है कि रानी कमलापति गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल थीं) pic- social media

Who is Kamla pati : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। वहीं, CM शिवराज सिंह चौहान ने रानी कमलपति को अंतिम हिन्दू रानी बताया, जिन्होंने जल प्रबंधन की नजीर पेश की थी।

Who is Kamlapati : आज सोमवार, 15 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। वहीं, सूबे में मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने रानी कमलपति को एक अंतिम हिन्दू रानी बताया, जिन्होंने जल प्रबंध और बहुत तालाबों का निर्माण कराया था।

कौन हैं रानी कमलापति जिनके नाम की है चर्चा

रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह की बेहद ही खूबसूरत पत्नी थी। हालांकि निज़ाम की 7 पत्नियां थीं। खूबसूरत और युद्ध के मैदान में लड़ाके की भूमिका निभाने वाली रानी कमलापति इन्हीं में से एक थीं। रानी कमलपति राजा की सबसे प्रिय पत्नी थीं।

रानी कमलापति 18वीं शताब्दी की गोंड रानी थी। उस वक्त गिन्नौरगढ़ का मुखिया निजाम शाह था। उसी दौरान बाड़ी पर निज़ाम शाह के भतीजे आलम शाह का शासन था। आलम की नज़र निज़ाम शाह की दौलत और सम्पति पर थी।

उसने रानी कमलपति की खूबसूरती पर फ़िदा होकर रानी से प्रेम का इज़हार कर दिया। हालांकि, रानी ने उसे ठुकरा दिया।

रानी कमलापति भी राजघराना परिवार से ताल्लुक़ रखतीं थी। रानी कमलापति राजा कृपाल सिंह सरौतिया की बेटी थीं। वह अपने साहस और बुद्धिमता के लिए जानी जाती थी।

रानी ने घुड़सवारी ,कुश्ती और तलवारबाज़ी में महारत हासिल किया था। एक कुशल योद्धा की भांति अपने महिला दल और पिता की सेना के साथ मिलकर अपने राज्य को दुश्मनों से बचाया था।

वो निज़ाम की कितनी प्रिय थी, इसका इस बात से अंदाज़ा लगता है कि निज़ाम शाह ने रानी के नाम पर सात मंजिला कमलापति पैलेस बनवाया। जब पति की हत्या के बाद अपने दोस्त मोहम्मद खान के साथ मिलकर कुशलता पूर्वक अपने शासनकाल को चलाया। उस दौरान उन्हें हमलवारों का सामना करने में बहादुरी दिखाने के लिए जाना जाता है।

कहा जाता है कि उस दौर में रानी कमलापति गंगा -जमुनी तहज़ीब की एक प्रतीक थी। जब गिन्नौरगढ़ के गौंड राजा निज़ाम शाह को जहर देकर मार दिया गया तो उनकी विधवा पत्नी बेटे को लेकर काफ़ी समय तक गिन्नौरगढ़ में छुपी रही। लेकिन दोनों पर जान का ख़तरा मडराने लगा तो भटकते भटकते भोपाल के नवाब खान से मदद मांगने पहुंच गई।

कमलापति के सहृदय व्यवहार से दोस्त मोहम्मद खान काफी प्रभावित हुआ। कमलापति ने भी उन्हें भाई कहकर सम्बोधित किया। वचन के बदले मोहम्मद खान ने कोलांस नदी के डैम पर महल बनाकर दिया।

वो महल रानी के लिए एक सुरक्षित ठिकाना था। एक किवदंती ये भी है कि कमलापति जबतक जीवित रही दोस्त मोहम्मद को राखी जरूर भेजती थी। इस कहानी के अनुसार वो एक हिन्दू रानी होकर मुस्लिम नवाब को राखी बांधती थी।

जब रानी कमलापति ने पति की हत्या का बदला लिया

रानी कमलापति को युद्ध कौशल में पहले से ही महारत हासिल थी। वे पिता की सेना में सेनापति रह चुकी थी। रानी कमलापति ने अपने दोस्त मोहम्मद नवाब के साथ मिलकर अपने पति निजाम शाह की हत्या का बदला लिया।

वे और नवाब मोहम्मद ने शाह के भतीजे बाड़ी के राजा आलम शाह पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। आलम शाह ने ही अपने चाचा निजाम शाह की ज़हर देकर हत्या करवा दी थी। इसके बाद गिन्नौरगढ़ की गद्दी पर जबतक रानी कमलापति जीवित रही, उन्होंने राज किया। उनकी मृत्यु के बाद नवाब वंश का राज चला।

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