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हाशिये का समाज

Varanasi News : बनारस के मणिकर्णिका श्मशान घाट पर डोम समाज ने रोका शवदाह, लकड़ी विक्रेताओं पर लगाये गंभीर आरोप

Janjwar Desk
1 Aug 2022 9:46 AM GMT
डोम समाज का लकड़ी विक्रेताओं के साथ हुआ विवाद, जिसके बाद रोक दिया गया शवदाह, लकड़ी विक्रेताओं पर दुर्व्यवहार करने का आरोप
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डोम समाज का लकड़ी विक्रेताओं के साथ हुआ विवाद, जिसके बाद रोक दिया गया शवदाह, लकड़ी विक्रेताओं पर दुर्व्यवहार करने का आरोप 

Varanasi News : डोम समाज द्वारा सुबह महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह को रोक दिया गया, डोम समाज ने यह शवदाह लकड़ी विक्रेताओं के साथ हुई कहा सुनी और उनके द्वारा की जा रही मनमानी के चलते रोका...

Varanasi News : बनारस में घाट के आसपास रहने वाले अनुसूचित जाति के डोम लोगों की जिंदगी लाशों के साथ शुरू होती है और लाशों के साथ खत्म हो जाती है। वो सैकड़ों साल से ऐसी जिंदगी जी रहे हैं। हिन्दू धर्म में अंतिम संस्कार के लिए लाश को जलाया जाता है। वाराणसी में डोम ही चिता जलाने के लिए संतान के हाथ में आग देते हैं। साथ ही अंतिम क्रियाकर्म के लिए होने वाला सारा काम डोम करते हैं। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर डोम जाति के जगदीश राजा चौधरी रहते हैं।

डोम समुदाय अनुसूचित जाति में आता है

जगदीश राजा चौधरी डोम समुदाय से आते हैं, जो वाराणसी में हिदुओं का अंतिम संस्कार करवाने का काम करते हैं। डोम समुदाय अनुसूचित जाति में आता है। वाराणसी में गंगा किनारे कई घाट बने हुए हैं। इनमें दो घाटों पर सिर्फ अंतिम संस्कार किया जाता है। एक घाट है मणिकर्णिका घाट जिसका नाम झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर है। इन दोनों घाटों पर अंतिम संस्कार करवाने का काम सिर्फ डोम जाति के लोग करवाते हैं।

मणिकर्णिका घाट पर शवदाह को रोक दिया गया

सोमवार को डोम समाज द्वारा सुबह महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह को रोक दिया गया। डोम समाज ने यह शवदाह लकड़ी विक्रेताओं के साथ हुई कहा सुनी और उनके द्वारा की जा रही मनमानी के चलते रोका। डोम समाज ने कहा कि पहले उनकी मांग पूरी हो और उनकी समस्या का हल किया जाए तब जाकर वो दाह संस्कार का काम शुरू करेंगे। मौके पर पुलिस ने पहुंच कर डोम समाज को बहुत समझाया काफी देर तक हुई बातचीत के बाद करीब 40-45 मिनट बाद शव दाह शुरू हो सका।

लकड़ी रखने से मना किया था

मामला ये था कि मणिकर्णिका घाट पर डोम समाज और स्थानीय लकड़ी विक्रेताओं के बीच विवाद हुआ था। डोम समाज को लकड़ी विक्रेताओं ने शवदाह करने वाले स्थलों और प्लेटफॉर्म पर लकड़ी रखने से मना किया था। जिसके बाद ये सारा विवाद शुरू हुआ। शवदाह स्थल पर लकड़ी रखे जाने का जब डोम समाज द्वारा विरोध किया किया तो लकड़ी विक्रेताओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी बात नहीं सुनी गयी। इन सभी कहा सुनी के बाद डोम समाज और लकड़ी विक्रेताओं के बीच बहस शुरू हो गई और इस बहस ने विवाद का रूप ले लिया।

लकड़ी व्यापारी ने दुर्व्यवहार किया

डोम राज परिवार के शालू चौधरी से फोन पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि रविवार को उनके समाज के लोगों के साथ अरुण सिंह नामक लकड़ी व्यापारी ने दुर्व्यवहार किया। अपशब्द कहे और धमकी भी दी। इस घटना के बाद ही डोम समाज ने आज 1 अगस्त सोमवार सुबह 11 बजे दाह संस्कार रोकने का फैसला किया। इन सभी के बाद लोगो ने डीएम समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों को बुलाया। घटना की सुचना मिलते ही चौक थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा वहां पहुंच गए। शिवाकांत मिश्रा ने उनके साथ बातचीत कर उन्हें समझाया जिसके बाद शवदाह का काम शुरू हो गया था।

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