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हाशिये का समाज

हाथरस कांड पर हाईकोर्ट हुआ सख्त, योगी सरकार से पूछा क्यों नहीं की गई डीएम पर कोई कार्रवाई

Janjwar Desk
3 Nov 2020 7:53 AM GMT
हाथरस कांड पर हाईकोर्ट हुआ सख्त, योगी सरकार से पूछा क्यों नहीं की गई डीएम पर कोई कार्रवाई
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उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर रोष व्यक्त किया है....

जनज्वार। उत्तर प्रदेश में हाथरस की दलित लड़की के तथाकथित गैंगरेप और मर्डर की मिस्ट्री में हाईकोर्ट सख्त हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डीएम पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर रोष प्रकट किया है। डीएम ने हाथरस गैंगरेप कांड की शिकार हुई दलित युवती के परिवार को धमकाया भी था जिसका वीडियो वायरल हुआ था। बावजूद इसके डीएम अब तक बचा रहा, जिसपर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया है।

हाथरस कांड के बाद से विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर रहा। हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख 25 नवंबर तय की है। कोर्ट ने 25 नवंबर के दिन सीबीआई से इस मामले में अपनी जांच स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि हाथरस मामले में पीड़िता का कथित रूप से जबरन अंतिम संस्कार करने के मुद्दे का न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने खुद संज्ञान लिया था।

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर रोष व्यक्त किया है। हालांकि राज्य सरकार ने अपने वकील के जरिए अदालत को भरोसा दिलाया कि वह इस सिलसिले में 25 नवंबर तक कोई फैसला करेगी। अदालत ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा कि उसने पूर्व में दिए गए आदेश पर हाथरस के जिला अधिकारी के बारे में क्या निर्णय लिया।

कोर्ट को दिए जवाब में सरकार के वकील ने यह कहते हुए जिलाधिकारी का बचाव किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था। जहां तक हाथरस के पुलिस अधीक्षक के निलंबन का सवाल है तो उनके खिलाफ यह कार्रवाई कथित गैंगरेप मामले में समुचित कार्रवाई करने में लापरवाही के आरोप में की गई थी, न कि अंतिम संस्कार के मामले को लेकर।

इससे पहले योगी सरकार, जिलाधिकारी लक्षकार और हाथरस के एसपी रहे विक्रांत वीर ने अदालत में अपने-अपने हलफनामे पेश किए। अपर महाधिवक्ता वीके साही ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार के हलफनामे में हाथरस जैसी स्थिति में अंत्येष्टि से संबंधित दिशानिर्देशों का एक मसविदा शामिल किया गया है।

जिलाधिकारी और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि तात्कालिक परिस्थितियों के मद्देनजर मृतका का अंतिम संस्कार किया गया था, साथ ही एसपी ने दाह संस्कार में केरोसिन का उपयोग होने से भी इंकार किया है।

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