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UP : कानपुर में भीख मांगने वाली बुजुर्ग महिला से बेटी को ढूंढ़ने के लिए 12 हजार की घूस लेने वाला दरोगा हुआ सस्पेंड
जनज्वार। यूपी में प्रशासन और भ्रष्टाचार दोनों एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। प्रशासनिक अधिकारी हों या फिर पुलिस हमेशा भ्रष्टाचार वाले मामलों में जरूर संलिप्त रहते हैं। कल सोमवार 1 फरवरी को यूपी में वृद्ध दिव्यांग महिला की लापता बेटी को ढूंढ़ने के लिए पुलिस द्वारा 12 हजार रुपये की घूस का मामला सामने आया था, जो वृद्धा ने भीख मांगकर पुलिस को दिये। यह मामला मीडिया में आने के बाद दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करते हुए आज 2 फरवरी को उसे निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक कानपुर के सनिगवां थाना क्षेत्र में भीख मांगकर गुजर बसर करने वाली दिव्यांग महिला से उसकी गुमशुदा नाबालिग बेटी को ढूंढ़ने के लिये पुलिसकर्मियों द्वारा 10 से 15 हजार रुपये की घूस मांगी गयी थी। यह मामला तब खुला जबकि घूस देने के बावजूद वृद्धा की बेटी नहीं मिली और वह गुहार लेकर डीआईजी के पास पहुंची।
पुलिस उप महानिरीक्षक कानपुर प्रीतेंद्र सिंह ने इस मामले में मीडिया को बयान दिया कि आरोपी चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुये उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी। छावनी क्षेत्र के सहायक पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक को इस मामले की जांच सौंपी गई थी।
पुलिस उप महानिरीक्षक के मुताबिक सोमवार 1 फरवरी को एक महिला ने उनसे शिकायत में दावा किया कि एक माह पूर्व उसके एक रिश्तेदार ने उसकी 15 साल की बेटी का अपहरण कर लिया था। चौकी प्रभारी राजपाल सिंह ने कहा कि वह पुलिस की गाड़ी में डीजल भरवा दें तो उसकी बेटी को ढूंढ़ेंगे। महिला का आरोप है कि उसने अपने रिश्तेदारों से लेकर और भीख मांगकर 10 से 15 हजार रुपये उधार मांग कर पुलिस को डीजल के लिये पैसे दिये।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुये पुलिस उप महानिरीक्षक ने मामले की जांच के निर्देश दिये और भीख मांगकर गुजारा करने वाली महिला के आरोप सही पाये गये। सोमवार 1 फरवरी को सब इंस्पेक्टर को पुलिस चौकी से हटाकर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया और मंगलवार 2 फरवरी को को जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक नगर का इस मामले में कहना है, विकलांग बुजुर्ग महिला की 15 साल की बेटी का उसके किसी नजदीकी रिश्तेदार ने एक माह पहले अपहरण कर लिया था। महिला ने इस संबंध में चकेरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और सनिगंवा पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों के पास बेटी को ढूंढ़ने के लिये गुहार लगा रही थी। महिला ने आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों को हजारों रुपये डीजल के लिये देने के बाद वह बेटी को ढूंढ़ने के लिये तैयार हुये।