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क्या Supreme Court के फैसले से भारत में बदल जाएगी सेक्स वर्कर्स की जिंदगी?
क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारत में बदल जाएगी सेक्स वर्कर्स की जिंदगी?
नई दिल्ली। एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने वेश्यावृत्ति पेशे ( sex work profession ) को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया है। वेश्यावृत्ति ( Sex Work ) पर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या वेश्यावृत्ति के पेशे को सम्मान के नजरिये से लोग देखेंगे। पुलिस का रवैया सेक्स वर्करों ( Sex workers ) के प्रति बदल जाएगा या फिर कितनी बदलेगी सेक्स वर्करों की जिदंगी। इस सवालों का जवाब तो आने वाले कुछ वर्षों में ही मिलेगा, लेकिन सर्वोच्च अदालत द्वारा अन्य पेशे की तरह यौन पेश को भी कानूनी करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार के साथ पुलिस एजेंसियों को कई दिशा निर्देश जारी करने से उनके रुख बदलाव आयेगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से माना जा रहा है कि अब यौन कर्मियों ( Sexworkers ) को लेकर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करने पर सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियां जोर देंगी।
केंद्र ने शीर्ष अदालत के निर्देश को मान लिया तो क्या होगा?
1. यौनकर्मियों को समान कानूनी सुरक्षा देने की दिशा में सभी एजेंसियों को उठाने होंगे जरूरी कदम।
2. किसी वेश्यालय पर छापा मारे जाने पर इसमें शामिल यौनकर्मियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही केवल इस बात के लिए उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा कि वो यौन क्रिया में शामिल हैं।
3. पुलिस को सभी यौनकर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना होगा और मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं कर सकते।
4. अगर कोई सेक्स वर्कर किसी आपराधिक/यौन या अन्य प्रकार के अपराध की रिपोर्ट करता है तो पुलिस इसे गंभीरता से लेगी और कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी।
5. यौन उत्पीड़न के शिकार सेक्स वर्कर को तत्काल चिकित्सा देखभाल सहित जरूरी सेवाएं दी जाएंगी।
क्या कहता है भारत का वर्तमान कानून?
भारतीय दंड संहिता के मुताबिक वेश्यावृत्ति में गैर कानूनी नहीं है लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा हैं और अधिनियम के कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं। इनमें सार्वजनिक स्थानों पर वेश्यावृत्ति के लिए कहना, होटलों में वेश्यावृत्ति करना, एक सेक्स वर्कर की व्यवस्था कर वेश्यावृत्ति में शामिल होना और एक ग्राहक के लिए यौन क्रिया की व्यवस्था करना शामिल है। अनैतिक ट्रैफिक (रोकथाम) अधिनियम 1986 के मुताबिक वेश्याओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। अगर वे खुद के साथ संबंध बनाने को कहती हैं या दूसरों को बहकाते हुए पाई जाती हैं। कॉल गर्ल को अपने फोन नंबर सार्वजनिक करने की मनाही है। ऐसा करते पाए जाने पर उन्हें 6 महीने तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है। यानि सार्वजनिक वेश्यावृत्ति करना गैरकानूनी है। वेश्यालय का मालिकाना हक भी अवैध है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
26 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों से कहा है कि हर पेशे की तरह मानवीय गरिमा और शालीनता के साथ जीवन जीने के लिए बुनियादी सुरक्षा यौन कर्मियों के लिए भी है। पुलिस और प्रशासन को सेक्स वर्कर्स के साथ भी आम नागरिक की भांति गरिमापूर्ण और सम्मानजनक बरताव व्यवहार करना चाहिए। पुलिस सेक्स वर्कर के साथ मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार न करे।