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आंदोलन

BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता रूडी के गृहक्षेत्र की एक दलित बस्ती ऐसी, जहां आजादी के 73 साल भी नहीं बनी सड़क

Janjwar Desk
13 Jun 2020 7:28 AM GMT
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता रूडी के गृहक्षेत्र की एक दलित बस्ती ऐसी, जहां आजादी के 73 साल भी नहीं बनी सड़क
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मूलभूत सुविधाओं के लिए आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं भाजपा प्रवक्ता रूडी के गृहक्षेत्र की दलित बस्ती के लोग
विकास किस चिड़िया का नाम है, यह सारण जिला के अमनौर प्रखंड के इस दलित के लोग नहीं जानते, बरसात में टापू बन जाता है यह गांव, ताज्जुब यह कि यह गांव भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी के गृहक्षेत्र में आता है....

जनज्वार ब्यूरो, सारण। आजादी के 73 वर्ष गुजर चुके हैं। विकास के नगाड़े खूब बजाए जाते हैं। सड़क-बिजली उपलब्ध कराने को लेकर बिहार की नीतीश सरकार अपनी पीठ खूब थपथपाती है, पर बिहार के ही सारण जिला के अमनौर प्रखंड के अगुआंन दलित बस्ती मंगल बाजार में अब तक एक अदद सड़क तक नहीं बन सकी।

अमनौर प्रखंड बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी का गृह प्रखंड है। कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर उनका घर भी है और वे कई दफा क्षेत्र के सांसद रह चुके हैं, अभी भी वे यहां से सांसद हैं।

टोला में सड़क देखने की चाह में कई पीढियां गुजर गईं, पर यह सपना पूरा नहीं हो सका। हालत यह है कि बरसात के दिनों में यह टोला टापू बन जाता है। किसी का बाहर जाना और यहां किसी का आना दोनों दुरूह हो जाते हैं। बीमारों को हॉस्पिटल ले जाना कठिन चुनौती हो जाती है।

इन दुश्वारियों को झेलते इन्हें सात दशक से ज्यादा का समय हो चुका है, पर हालात ज्यों के त्यों हैं। ऐसे में अब ये लोग आंदोलन का रुख कर रहे हैं। इसी क्रम में इन्होंने कल 12 जून को प्रदर्शन किया और सड़क निर्माण की मांग उठायी। टोला के लोगों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन किया।

ग्रामीणों को कहना है कि आजादी के बाद भी हम लोगों के गांव में आने-जाने के लिए कोई सरकारी सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। इस संबंध में ग्रामीण प्रखंड के बीडीओ, पीओ, सीओ, पीआरओ को कई बार लिखित शिकायत दे चुके हैं, पर आजतक न सरकारी नुमाइंदों बीडीओ, सीओ, पीओ ने इनकी बात सुनी, न ही मुखिया, जिला पार्षद और विधायक ने।

प्रदर्शन करने वालों में राजू मांझी,सीताराम मांझी, संजय रावत, टूना मांझी, कविता देवी, मालती देवी, जयराम कुमार, आंनद कुमार रावत समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे।

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