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आंदोलन

मानवाधिकार कार्यकर्ता असद हयात की स्मृति में लखनऊ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, वक्ता बोले संवैधानिक मूल्यों के योद्धा थे असद हयात

Janjwar Desk
18 Feb 2025 10:24 PM IST
मानवाधिकार कार्यकर्ता असद हयात की स्मृति में लखनऊ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, वक्ता बोले संवैधानिक मूल्यों के योद्धा थे असद हयात
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मॉब लीचिंग, साम्प्रदायिक हिंसा, हेट स्पीच, बुलडोज़र, इनकाउंटर जैसे सवालों पर असद हयात ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश समेत विभिन्न प्रदेशों में पीड़ितों से मुलाक़ात कर उनक़े इंसाफ की लड़ाई को अदालत तक पहुँचाया...

लखनऊ। मानवाधिकार कार्यकर्त्ता, अधिवक्ता असद हयात की स्मृति में यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। इस सभा में गांधी से बुद्ध तक साइकिल यात्रा कर रहे हिमांशु कुमार मुख्य वक्ता रहे।

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि असद हयात नफरत क़े खिलाफ साझी सहादत, साझी विरासत वाली परम्परा क़े लिए आजीवन कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। मॉब लीचिंग, साम्प्रदायिक हिंसा, हेट स्पीच, बुलडोज़र, इनकाउंटर जैसे सवालों पर असद हयात ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश समेत विभिन्न प्रदेशों में पीड़ितों से मुलाक़ात कर उनक़े इंसाफ की लड़ाई को अदालत तक पहुँचाया। योगी आदित्यनाथ की हेट स्पीच क़े खिलाफ पिछले अठारह साल से हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक अनवरत उनकी न्यायिक लड़ाई जारी रही।

मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश क़े विभिन्न जिलों क़े साम्प्रदायिक हिंसा पीड़ितों क़े इंसाफ क़े लिए मज़बूती से कानूनी लड़ाई लड़ी। पहलू खान, जुनैद, अकलाक समेत अनेकों मॉब लीचिंग पीड़ितों क़े सवाल को उठाकर उनके परिजनों में इंसाफ की आस जगायी। सत्ता क़े दबाव और तनाव क़े चलते उनको पैरलेसीस अटैक, ब्रेन हैमरेज हुआ लेकिन इसके बावजूद भी वे लड़ते रहे।

मुख्य वक्ता समाजसेवी हिमांशु कुमार ने असद हयात को याद करते हुए कहा कि वो शहीद हुए हैं और असद हयात जिस दमन को झेलते हुए हमारे बीच से अलविदा हुए हैं वह हमें और ताकत देती है। सरकार और आदिवासियों के बीच की सच्चाई को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था का अगला निशाना भारत के मैदानी इलाकों के कृषि क्षेत्र हैं।

जेएनयू के पूर्व प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि आज के समय में हिमांशु की साइकिल यात्रा हमारे लिए सुखद है और इनसे हमें ऊर्जा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन सत्ता पक्ष इतना कायर है कि पुलिस और बुल्डोजर को जनता के आगे करते हैं और विचारों-बहसों से भागते हैं। हिमांशु कुमार की यात्रा को लेकर उन्होंने सभी से जुड़ने का आग्रह भी किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता और रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने कहा कि असद हयात सदैव संवैधानिक न्याय के लिए लड़ते रहे और आज उनके जाने से हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ गई है।

सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पांडेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज हम सभी एक खतरनाक दौर से गुज़र रहे हैं और ऐसे समय में असद हयात के योगदान से सीख लेने की ज़रूरत है और हिमांशु कुमार जैसे बहादुर व्यक्तित्व हमारे अंदर उम्मीद भरते हैं।

कार्यक्रम का संचालन राजीव यादव और अध्यक्षता रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने की। कार्यक्रम का आयोजन मानवाधिकार प्रकोष्ठ, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया और सोशलिस्ट पार्टी लॉयर्स फोरम ने किया।

कार्यक्रम में तस्वीर नकवी, शाहनवाज़ आलम, अनिल यादव, रॉबिन वर्मा, शाहरुख, आदियोग, आमिर मिनटोई, एडवोकेट इमरान, संतोष धरकार, शिवकुमार यादव, आलोक सिंह, ऊषा विश्वकर्मा, सत्यम प्रजापति, इरम, राजबहादुर यादव, सुभाष चंद्र कुशवाहा, ओ. पी. सिन्हा, डॉ. आर. पी. गौतम, राज शेखर, मो. सलीम, सिद्धार्थ कलहंस, चेतन जायसवाल, नाहिद अकील, राजीव ध्यानी, अरुण खोटे, राम कुमार, अमित अम्बेडकर, तारिक सिद्दीकी, उम्मेद, सवी फातिमा और सिराज मौजूद रहे।

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