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आंदोलन

जंगल में लकड़ी लेने गई महिला को बाघ ने उतारा मौत के घाट, गुस्साये ग्रामीणों ने ढेला-झिरना जोन में रोकी पर्यटकों की आवाजाही

Janjwar Desk
29 Jan 2024 3:14 PM GMT
जंगल में लकड़ी लेने गई महिला को बाघ ने उतारा मौत के घाट, गुस्साये ग्रामीणों ने ढेला-झिरना जोन में रोकी पर्यटकों की आवाजाही
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जंगल में लकड़ी लेने गई महिला को बाघ ने उतारा मौत के घाट, गुस्साये ग्रामीणों ने ढेला-झिरना जोन में रोकी पर्यटकों की आवाजाही

Leopard Attack : आक्रोशित महिलाओं ने भाजपा सरकार को जंगली जानवरों में हो रही मौत के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यदि कल तक आदमखोर टाइगर को कल तक मारा या पकड़ा नहीं गया तो ग्राम सावल्दे में 11 बजे से चक्काजाम कर दिया जाएगा...

Ramnagr news : कल रविवार 28 जनवरी को उत्तराखण्ड की एक महिला फिर बाघ के हमले में अपनी जान गंवा बैठी है। यहां लगातार बाघ के हमलों में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जंगली जानवरों के हमलों में इस तरह लगातार आम जनता के मारे जाने से जनता का आक्रोश बढस़्ता जा रहा है। गुस्साये ग्रामीणों ने नैनीताल जनपद के रामनगर स्थित सांवल्दे ग्राम में चक्काजाम करके कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला-झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही पूर्णता ठप कर दी।

जानकारी के मुताबिक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज के जंगल में कल 28 जनवरी को लकड़ी बीनने गई 50 वर्षीय महिला दुर्गा देवी पर बाघ ने हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया। सांवल्दे पश्चिमी निवासी स्वर्गीय दान सिंह सुप्याल की पत्नी दुर्गा देवी रविवार 28 जनवरी की शाम लगभग चार बजे गांव की कई महिलाओं के साथ जंगल में लकड़ी बीनने गई थी। दुर्गा देवी के साथ गयीं अन्य महिलाओं का कहना है कि सांवल्दे कसेरवा नाले के पास घात लगाए बाघ ने बीच में चल रही दुर्गा देवी पर हमला किया और घसीटकर जंगल में ले गया।

महिलाओं ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी। वनकर्मियों की टीम महिला को तलाशने जंगल में गई और हवाई फायर करते हुए सड़क से चार किमी अंदर महिला की लाश मिली। महिला के सिर का कुछ हिस्सा बाघ खा चुका था, जिसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों के मुताबिक मृतक महिला दुर्गा देवी अकेली रहती थी और लकड़ी-घास बेचकर अपनी रोजी-रोटी का प्रबंध करती थी। विधवा दुर्गा देवी की एक लड़की है, जिसकी शादी हो चुकी है।


बाघ के हमले में मारी गई दुर्गा देवी की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने सांवल्दे ग्राम में चक्काजाम करके आज 29 जनवरी को कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला-झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही पूर्णता ठप कर दी। इस दौरान जनता ने जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पंजाब के पूर्व विधायक विक्रम सिंह मजीठिया को भी वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया।

आक्रोशित महिलाओं ने भाजपा सरकार को जंगली जानवरों में हो रही मौत के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यदि कल तक आदमखोर टाइगर को कल तक मारा या पकड़ा नहीं गया तो ग्राम सावल्दे में 11 बजे से चक्काजाम कर दिया जाएगा। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने ढेला रेंज अधिकारी को भी मौके से खदेड़ दिया।

धरनास्थल पर सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति के नेता महेश जोशी ने कहा कि विगत 14 दिसंबर को कार्बेट प्रशासन ने धरने पर आकर घोषणा की थी कि आदमखोर टाइगर को पकड़े जाने की अनुमति ले ली गई है, परंतु डेढ़ माह बाद भी टाइगर को पकड़ा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि यदि टाइगर को समय रहते पकड़ लिया गया होता तो दुर्गा देवी की जान बच जाती। दुर्गा देवी की मौत के लिए पार्क प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

वहीं ललित उप्रेती ने कहा कि उत्तराखंड जानवरों का प्रदेश बन चुका है यहां पर लोग न तो घर में सुरक्षित हैं और न ही घर के बाहर। इंसानों को मारकर जंगली जानवरों को संरक्षित करने की नीति को बदला जाना चाहिए। उन्होंने कल 30 जनवरी को दिन में 11 बजे जनता से ग्राम सावल्दे पहुंचने की अपील की है।

धरने में श्यामा देवी, गंगा सुप्याल, रेनू, बसंती, मंजू मेहरा, राशिद, सोवन तड़ियाल, ललित पांडे, तुलसी, ललिता रावत, मनोज बेलवाल समेत चुकम ग्राम समेत विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने भागीदारी की।

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