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आंदोलन

लोकसभा चुनावों में मुंह की खाने के बाद भाजपा और हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतों के निशाने पर मुस्लिम, देशभर में बढ़ रहे हमले

Janjwar Desk
30 Jun 2024 5:38 PM GMT
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file photo

लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली पराजय के बाद सांप्रदायिक हमलों में इस तरह की तेजी इस तथ्य को उजागर करती है कि भाजपा और हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतें नए सिरे से प्रतिशोध के साथ ध्रुवीकरण के अपने प्रयासों को तेज करेंगी...

Muslim live matter : मुसलमानों पर क्रूर सांप्रदायिक हमलों की कड़ी निंदा करते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो ने एक वक्तव्य जारी किया है। इसमें कहा गया है कि चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हमलों की निंदा करता है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बैलों को ले जा रहे तीन मुस्लिम व्यक्तियों को तथाकथित गौरक्षकों ने गौ-तस्कर बताकर मार डाला। अलीगढ़ में चोरी के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

वहीं मध्य प्रदेश के मंडला में रेफ्रिजरेटर से कथित तौर पर “गोमांस” बरामद होने की रिपोर्ट के बाद 24 घंटे के भीतर मुसलमानों के ग्यारह घरों को ध्वस्त कर दिया गया। लखनऊ के अकबरनगर में, जो कि मुख्य रूप से मुस्लिम क्षेत्र है, रिवर फ्रंट के निर्माण के लिए एक हजार से अधिक परिवारों के घरों को बुल्डोजर से गिरा दिया गया।

गुजरात के वडोदरा में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक निम्न आय वर्ग के आवास परिसर में एक मुस्लिम महिला को फ्लैट आवंटित किए जाने के खिलाफ पड़ोस के हिंदू समुदाय के लोग खुलकर विरोध में उतर आए।

हिमाचल प्रदेश के नाहन में, ईद-उल-जुहा के दौरान गाय की बलि देने के आरोप में एक मुस्लिम की दुकान को लूट लिया गया और उसमें तोड़फोड़ की गई। कथित गौहत्या के लिए उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। घटना के बाद कस्बे के अन्य सभी 16 मुस्लिम दुकानदारों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है।

दिल्ली के संगम विहार में एक पूजास्थल के पास गाय का शव बरामद होने के बाद हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्यों द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के बाद वहां के निवासियों के इलाके से पलायन करने की खबरें हैं।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो का आरोप है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली पराजय के बाद सांप्रदायिक हमलों में इस तरह की तेजी इस तथ्य को उजागर करती है कि भाजपा और हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतें नए सिरे से प्रतिशोध के साथ ध्रुवीकरण के अपने प्रयासों को तेज करेंगी।

सीपीआई (एम) पोलित​ ब्यूरो अपनी सभी इकाइयों से भाजपा और अन्य सांप्रदायिक संगठनों द्वारा इस तरह की बेईमान चालों के खिलाफ सतर्क रहने का आह्वान करता है। देशभर में पार्टी इकाइयों को माहौल को खराब करने और लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिशों के खिलाफ तुरंत विरोध प्रदर्शन आयोजित करने चाहिए।

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